एमजीएम अस्पताल के पैथोलॉजी ने मरीज की दी गलत रिपोर्ट, आयुष्मान कार्ड के होते हुए भी सीटी स्कैन का देना पड़ा पैसा

जमशेदपुर:- स्वास्थ्य मंत्री ने फोन नहीं उठाया, एसडीएम और अधीक्षक से परिजन ने की शिकायत

कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में आए दिन कुछ ना कुछ खामियां देखने को मिलते ही रहती है। और खामियां ऐसी कि जिससे मरीज की जान तक जा सकती है। सोमवार भी ऐसा ही एक मामला देखने को मिला। जिसके तहत गालुडीह कालाझोर निवासी 58 वर्षीय दुर्गा मुर्मू को शरीर में कमजोरी और लूज मोशन होने के कारण बीते 11 अक्टूबर की सुबह 10 बजे अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था। इस दौरान डॉक्टर ने उनका चेकअप कर कुछ जांच भी लिखा। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के पैथोलॉजी में सभी जांच कराए। साथ ही जांच के आधार पर मरीज का दवा भी चला। मगर मरीज की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। वहीं अस्पताल के रिपोर्ट से संतुष्ट न होने पर परिजनों ने डॉक्टरों द्वारा दिए गए जांच को बीते 14 अक्टूबर मानगो डिमना रोड राजीव पथ मून सिटी लाइन साईं मंदिर के पास स्थित पैथोजन डायग्नोस्टिक से कराया। जिसका रिपोर्ट 15 अक्टूबर को मिला। जिसमें परिजनों ने अस्पताल के पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक की रिपोर्ट में भारी अंतर भी पाया। जहां अस्पताल के पैथोलॉजी में सीरम क्रिएटिनिन 0.8 एमजी/डीएल लिखा था। जबकि डायग्नोस्टिक की रिपोर्ट में 8.1 एमजी/डीएल बहुत ज्यादा दर्शाया गया है। इसी तरह अस्पताल के पैथोलॉजी में ब्लड यूरिया 46 एमजी/डीएल लिखा हुआ था। वहीं डायग्नोस्टिक रिपोर्ट में 202.4 एमजी/डीएल दर्शाया गया था। जबकि सीरम क्रिएटिनिन की रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि मरीज के किडनी की स्थिति काफी खराब है। जिसके कारण मरीज की स्थिति गंभीर बनी हुई है। सिर्फ यही नहीं, मरीज का लाल कार्ड और आयुष्मान कार्ड भी है। बावजूद इसके अस्पताल परिसर में स्थित प्राइवेट रूप से संचालित मनिपाल हेल्थ केयर में सीटी स्कैन के लिए परिजनों से 1035 रुपए ले लिया गया। दूसरी तरफ मनिपाल हेल्थ केयर में आयुष्मान कार्ड से जुड़ी कोई भी सूचना दर्शाया तक नहीं गया है। जिसके कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है और सब कुछ होते हुए भी उन्हें कीमत चुकानी पड़ रही है। मामले को लेकर मरीज के परिजन रामदास मुर्मू ने इसकी शिकायत अस्पताल अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार और एसडीएम पीयूष सिन्हा से भी की। साथ ही परिजनों ने स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता को भी शिकायत करने के लिए कॉल किया। मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं जब हमने मनिपाल हेल्थ केयर के कर्मचारी से बात की तो उन्होंने कहा कि इलाजरत मरीज की जांच अस्पताल के आयुष्मान यूनिट द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर निःशुल्क किया जाता है। मगर परिजन मरीज को लेकर सीधे जांच कराने के लिए आ गए। जिसके कारण उनसे पैसा लिया गया। इस दौरान उन्होंने आयुष्मान कार्ड के बारे में भी नहीं कहा। वहीं पैथोलॉजी द्वारा दी गई गलत रिपोर्ट के मामले में अस्पताल अधीक्षक और एसडीएम ने इसकी जांच करने की बात भी कही है। फिलहाल मरीज का इलाज इमरजेंसी विभाग के बेड नंबर 19 में चल रहा है।

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