अविलंब बंद हो बेगुनाहों का कत्लेआम,रोका जाए सरे-आम मज़लूमों का खून बहाना- शम्सी

अंतर्राष्ट्रीय एक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के जिला अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार मो.ओबैदुल्लाह शम्सी ने इजरायल और फिलिस्तीन (हमास) के बीच विगत 7 अक्टूबर से जारी खूनी संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे मानवाधिकार का घोर उलंघन, मानवता विरोधी एवं जघन्य कृत करार दिया है।

इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन का महत्व एक समान होता है चाहें वह विश्व के किसी भी भाग का निवासी हो। निर्दोष एवं बेकसूर लोगों का इस तरह से नरसंहार या कत्लेआम किसी भी मूल्य पर सही नहीं हो सकता है। किसी निर्दोष के साथ बल पुर्वक अन्याय, बर्बरता और दरिंदगी चाहें भारत में हो, इजरायल में, फिलिस्तीन या विश्व के अन्य किसी भी भाग में वो सरासर ग़लत अमानवीय एवं असंवैधानिक कृत्य ही कहलाएगा। आज इजरायल और फिलिस्तीन के बीच होने वाले संघर्ष में दोनों ही देशों के हजारों मरने वाले निर्दोष लोग हैं तो आखिर मनुष्य ही न? चाहें उनका धर्म,भाषा और वेश-भूषा अलग ही सही। आज कुछ लोग इजरायल तो कुछ फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। क्या ऐसे लोग बताएंगे कि आप जिनका विरोध कर रहे हैं उनके प्राण इतना महत्वहीन आखिर कैसे हो गए?

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ से अविलंब इस अत्यंत महत्वपूर्ण वैश्विक मामले पर पहल करते हुए मानवता की रक्षा करने का आह्वान किया साथ ही कहा कि बेगुनाहों का कत्लेआम फौरन बंद होना चाहिए। इस तरह सरे आम मानवता का खूनी खेल हमें यह सोचने पर विवश कर देता है कि क्या सच में हम मनुष्य कहलाने के लायक भी हैं?

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