रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुड़मा जतरा मेला के विषय में बताने की आवश्यकता नहीं है। निरंतर इस जतरा मेला का गूंज दूर तक जा रही है। हम आज नमन करते हैं अपने पूर्वजों को जिन्होंने हमें मुड़मा जतरा के इस शक्ति खूंटे से बंधकर रहना सिखाया है। मुड़मा जतरा एक महत्वपूर्ण मेला है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जुटान इस मेला को भव्य और ऐतिहासिक बनता है। मुड़मा जतरा का देश और दुनिया में अलग पहचान है। यहां जितने भी श्रद्धालु उपस्थित हुए हैं उनके लिए आज सिर्फ मेले का आनंद लेने का ही दिन नहीं बल्कि समाज से जुड़ने और समाज को एक सूत्र में बांधने का संकल्प लेने का दिन भी है। मुख्यमंत्री मंगलवार को रांची जिला के मांडर प्रखंड क्षेत्र में आयोजित ऐतिहासिक दो दिवसीय मुड़मा जतरा मेला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का राज्य है। हमारे आंदोलनकारी पूर्वजों के लम्बी लड़ाई और संघर्ष के बाद झारखंड राज्य का उदय हो पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारे आंदोलनकारियों को इधर-उधर भटकने को मजबूर किया है। हमारी सरकार जल्द अलग झारखंड की लड़ाई लड़ने वाले आंदोलनकारियों के समस्याओं का हल करने का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य की आंतरिक क्षमता बहुत मजबूत है। ऊपर वाले ने इस राज्य को विभिन्न खनिज संपदाओं से आच्छादित किया है। विभिन्न प्राकृतिक संपदाओं के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य से भी सजाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विडंबना है कि विभिन्न खनिज संपदाओं का भरमार, प्राकृतिक सौंदर्य, मेहनतकश मानव बल रहने के बावजूद भी झारखंड पिछड़े राज्यों की श्रेणी में शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम इस राज्य को बेहतर तरीके से सजाएं और सवारें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को विकसित राज्य बनाना है तो हमें शिक्षा व्यवस्था पर जोर देनी पड़ेगी। हमारी सरकार अब राज्य में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने पर लगी है। अब सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों से बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारी सरकार अपने खर्चे पर अब राज्य के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश पढ़ाई करने भेज रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल प्रदेश है। इस प्रदेश को शिक्षित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। शिक्षा प्राप्त करके जी हम अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने झारखंड में पहली बार यहां के खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति देने का काम किया है। झारखंड के खिलाड़ी देश और दुनिया में अपना तथा राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विमेंस हॉकी इंडिया की टीम में आधे से ज्यादा खिलाड़ी झारखंड की बेटियां हैं। हम अपने राज्य के खिलाड़ियों के भविष्य के प्रति गंभीर है। यहां के खिलाड़ियों का मान, सम्मान को संरक्षित कर रहे हैं। देश में पहली बार झारखंड की मेजबानी में महिला एशियाई हॉकी चैंपियनशिप का आयोजन हुआ है।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड के आदिवासी गरीब हैं फिर भी खुश कैसे रहते हैं। ढोल-मांदर बजाकर इनके अंदर इतना हौसला कहां से आता है। आदिवासी समुदाय के हौसले पर हम सभी को गर्व होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार कोरोना संक्रमण, सुखाड़ सहित कई चुनौतियों और समस्याओं का सामना करते हुए राज्य को एक बेहतर दिशा देने का काम किया है। आज झारखंड की चर्चा सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होती है। हमारा प्रयास है कि झारखंड को निकट भविष्य में गरीबी से मुक्त कर एक समृद्ध और खुशहाल झारखंड का निर्माण करना है।
मौके पर मुख्यमंत्री ने जतरा शक्ति खूंटा स्थल पर विधिवत पूजा अर्चना कर राज्य की सुख, समृद्धि और उन्नति के लिए प्रार्थना की। मुड़मा जतरा मेला आयोजन समिति द्वारा मुख्यमंत्री का पारंपरिक स्वागत किया गया। मौके पर मुख्यमंत्री ने मुड़मा जतरा में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं एवं आयोजन समिति के सदस्यों को अपनी ओर से शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, पूर्व विधायक बंधु तिर्की, पूर्व डिप्टी मेयर अजय नाथ शाहदेव, धर्मगुरू बंधन तिग्गा, भगवान बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा, राजी पाड़हा प्रार्थना सभा के केंद्रीय महासचिव विद्यासागर केरकेट्टा, राजी पाड़हा प्रार्थना सभा के केंद्रीय प्रवक्ता संजय पाहन, ऐतिहासिक राजकीय पाड़हा जतरा के अध्यक्ष जगराम उरांव, सचिव रंथू उरांव सहित अन्य गणमान्य लोग एवं बड़ी संख्या में मेले का आनंद लेने पहुंचे श्रद्धालु उपस्थित थे।