जामुन दोहर से सटे घरों का मुआवजा राशि का चेक देने गए सीसीएल अधिकारियों का रैयतों और विस्थापित ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया

खलारी: एनके एरिया की केडीएच खदान के समीप जामुन दोहर से सटे घरों का मुआवजा राशि का चेक देने गए सीसीएल अधिकारियों का रैयतों और विस्थापित ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया गया। विरोध कर रहे रैयतों, विस्थापित ग्रामीणों ने कहा कि 1980 में सीसीएल द्वारा जमीन का अधिग्रहण कर लिया था लेकिन उस वक्त घरों का मुआवजा नहीं दिया गया और अब 42 वर्ष के बाद सीसीएल हमारे घरों को उजाड़ रही है। ग्रामीणों कहा की पूर्व में सीसीएल प्रबन्धन के द्वारा जो मुआवजा राशि विश्रामपुर पंचायत के विस्थापितो को दिया गया था उससे कई गुना कम मुआवजा राशि दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा की इस राशि से घर भी नहीं बनेगा, जमीन खरीदना तो दूर की बात है। साथ ही कहा कि सीसीएल तो यहां बसे वैसे लोगों को भी घर का मुआवजा दे रही है जिसका अधिकार नहीं है । वही विस्थापित ग्रामीणों ने कहा कि अगर सीसीएल प्रबंधक इतनी ही कम राशि में हमें विस्थापित करना चाहती है तो इसके लिए हमें जमीन भी देना होगा नहीं तो हमें नहीं हटेंगे । सुबह 11 बजे से अपराह्न 3 :30 बजे तक लगातार हो रहे इस हाई वोल्टेज ड्रामा में अंचल निरीक्षक कमलकान्त वर्मा सीसीएल अधिकारियों, सीआईएसएफ जवानो सहित खलारी पुलिस प्रशासन के बीच काफी गहमागहमी रही। वही बिश्रामपुर पंचायत मुखिया दीपमाला कुमारी ने कहा कि सीसीएल के अधिकारियों के द्वारा मुझे शुक्रवार को एक पत्र दिया गया था लेकिन उस पत्र में घरों मे डोजर चलाने की कोई बात नहीं बताया गया था साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के रैयतो, और विस्थापित ग्रामीणों के साथ हम पंचायत प्रतिनिधियों को ग्रामीणों के साथ बैठक करने का समय सीसीएल को देना चाहिए हम अपने पंचायतों के ग्रामीणो के सहमति जरूरी है । घंटों तक चले इस गहमागहमी के बाद मौके पर पहुचे सभी अधिकारियों और रैयत,विस्थापित ग्रामीणों के बीच निर्णय लिया गया कि शमीम अंसारी का घर लोगों के आपसी सहयोग से तोड़ दिया जाए और उसे उसका घर का मुआवजा दे दिया जाए। वही अन्य बचे विस्थापित ग्रामीणो व रैयतो का घर पंचायत प्रतिनिधियों सीसीएल अधिकारियों व अन्य बुद्धिजीवियों के साथ एक बैठक करने के बाद तोड़ने दिया जाएगा । जिसमें ग्रामीणों की ओर से विश्रामपुर पंचायत रैयत सह पूर्व जिप सदस्य रतिया गंझू ने कहा कि जामुन दोहर के विस्थापित की समस्याओ को सीसीएल प्रबंधन अनदेखा करने के साथ साथ हठधर्मी करने के साथ हम ग्रामीणों को बल दिखा कर डराने का काम कर रहे हैं। विरोध कर रहे रैयत, विस्थापित ग्रामीणों के अलावा केडीएच खान प्रबंधक राघवेन्द्र गांधी, माइनिंग इंचार्ज आलोक कुमार सिंह एवं सुनील कुमार सिंह शामिल थे।

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