सांसद बिद्युत बरण महतो को तीसरी बार मिलेगा “संसद रत्न पुरस्कार”
– देवघर सांसद निशिकांत दुबे भी नवाजे जाएंगे संसद रत्न पुरस्कार से
जमशेदपुर : भाजपा सांसद बिद्युत बरण महतो को संसदीय लोकतंत्र में उत्कृष्ट और निरंतर योगदान के लिए “संसद रत्न पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें जुलाई के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले संसद रत्न पुरस्कार समारोह के 15 वें संस्करण में प्रदान किया जाएगा। इस आशय की घोषणा रविवार प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से की गई। इसकी घोषणा पर सांसद ने खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ साथ जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार न केवल मेरे लिए एक प्रेरणा है। बल्कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारियों की पुष्टि भी है। मैं इसे जमशेदपुर की जनता की जीत मानता हूं और जिन्होंने मुझे सेवा का अवसर दिया। यह पुरस्कार उन्हीं को समर्पित है। उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर से सांसद बिद्युत बरण महतो ने संसद में अपनी निरंतर उपस्थिति, प्रभावी बहस और जनता से जुड़े मुद्दों को पुरजोर ढंग से उठाने के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने शिक्षा, रोजगार, रेल, कृषि, सिंचाई, माइंस, सड़क व हाईवे, एयरपोर्ट, स्वर्णरेखा परियोजना और झारखंड समेत जमशेदपुर के विकास से जुड़े मुद्दों पर कई बार संसद में जोरदार आवाज उठाई। उनकी इस निरंतरता और प्रतिबद्धता को संसद रत्न पुरस्कार द्वारा मान्यता देना जमशेदपुर समेत पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह पुरस्कार न केवल उनकी संसदीय उपलब्धियों की पहचान है। बल्कि उन जनप्रतिनिधियों के लिए भी प्रेरणा है, जो लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करने में जुटे हैं। बताते चलें कि इससे पूर्व 16 वें एवं 17 वें लोकसभा में भी बिद्युत बरण महतो को संसद रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। गौरतलब है कि संसद रत्न पुरस्कारों की स्थापना 2010 में प्राइम पॉइंट फाउंडेशन और ई-मैगजीन ‘प्रीसेंस’ द्वारा भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के सुझाव पर की गई थी। उन्होंने मई 2010 चेन्नई में आयोजित पहले समारोह का उद्घाटन किया था और तब से लेकर अब तक 14 संस्करणों में कुल 125 पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं। जिनमें व्यक्तिगत सांसदों के साथ-साथ संसदीय स्थायी समितियों को भी सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार को देश की नागरिक समाज की ओर से दिया जाता है और यह भारतीय संसदीय प्रणाली में कार्यकुशल, जवाबदेह और सक्रिय जनप्रतिनिधियों की पहचान करता है। संसद रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर की अध्यक्षता वाली जूरी समिति द्वारा किया जाता है। समिति में पूर्व पुरस्कार विजेता सांसद, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और संसदीय मामलों के जानकार शामिल होते हैं। नामांकन पूरी तरह से आधिकारिक प्रदर्शन डेटा के आधार पर किया जाता है। जो लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों तथा पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च से प्राप्त होता है। प्रमुख संकेतकों में सांसद द्वारा की गई बहस, पेश किए गए निजी विधेयक और पूछे गए प्रश्नों की संख्या शामिल होती है। इस वर्ष लोकसभा और राज्यसभा के कुल 17 सांसदों और दो संसदीय स्थायी समितियों को नामांकित किया गया है। इनमें से चार विशेष पुरस्कार जूरी समिति द्वारा ‘विशेष उत्कृष्टता’ की श्रेणी में दिए जाएंगे। झारखंड से देवघर सांसद निशिकांत दूबे को भी इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।