विद्यार्थीयों का पठन-पाठन प्रभावित
संजय सागर
बड़कागांव: बड़कागांव प्रखंड में इन दिनों बिजली की आंख मिचोंनी शुरू हो गई है. इससे जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाती है. विद्यार्थियों को पठन-पाठन, इलेक्ट्रॉनिक दुकाने, आटा चक्की, सरसों तेल पेराई मशीन, हल्दी पिसाई मशीन एवं व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बिजली नहीं रहने से लोगों को मोबाइल चार्ज करने भी परेशानी होती है. सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि लगभग एक सप्ताह से बिजली के आंख मिचोनी जारी है. इसे विद्यार्थियों को पढ़ने लिखने में दिक्कत होती है. व्यापारी वर्गों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इनका कहना है कि बड़कागांव में शहरी बिल देना पड़ता है. लेकिन गांव से भी बस्तर बिजली मिलती है. बिजली कब आती है, कब जाती है ? इसका कोई गारंटी नहीं होती है. बिजली अगर आती भी है तो लो वोल्टेज में आती है. बिजली नहीं रहने पर लोग निजी रूप से जनरेटर एवं इनवर्टर का उपयोग करने को मजबूर है. जनरेटर से जलाने वाले दुकानदारों को 20-25 रुपया हर दिन पैसे देना पड़ता है, तब उनके दुकान में बिजली बल्ब जलता है.
बड़कागांव मध्य पंचायत के मुखिया मोहम्मद तकरीमुला खान का कहना है कि इन दोनों मैट्रिक, इंटर, स्नातक एवं प्रतियोगिता की परीक्षा विद्यार्थी वर्ग तैयारी कर रहे हैं. इसलिए बिजली नियमित मिलनी चाहिए. लोक जनशक्ति पार्टी के बड़कागांव विधानसभा प्रभारी अरुण सोनी ने नियमित बिजली की मांग की है. यहां से ग्रामीणों का कहना है कि बड़कागांव से हर दिन करोड़ों रुपया का कोयला बाहर जाता है. लेकिन यहां के लोगों को बिजली नियमित रूप से नसीब नहीं होती है. जबकि कोयला खदान में बिजली हमेशा रहती है.