अब सरकार करेगी बोकारो के धार्मिक धरोहर लुगू पहाड़ को संरक्षित, जानें क्यों

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को झारखंड मंत्रालय में जनजातीय परामर्शदात्री परिषद (टीएसी) की 26वीं बैठक हुई। इसमें टीएसी ने बोकारो जिला स्थित आदिवासी संतालियों के धार्मिक धरोहर लुगू पहाड़ पर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित लुगू पहाड़ जल विद्युत पंप भंडारण परियोजना को किसी भी हाल में स्थापित नहीं होने दिए जाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया।

बैठक में प्रो. स्टीफन मरांडी, सदस्य झारखंड विधानसभा सह टीएसी सदस्य की अध्यक्षता में गठित उप समिति के कार्यकाल को अगले एक वर्ष के लिए अवधि विस्तार दिए जाने संबंधी प्रस्ताव पर सहमति दी गई। साथ ही टीएसी ने सीएनटी एक्ट के अंतर्गत 26 जनवरी, 1950 के समय राज्य के भीतर जो जिले और थाने स्थापित थे, उन्हीं को जिला और थाना मानते हुए धारा-46 के तहत जमीन-खरीद बिक्री के लिए मान्यता प्रदान किए जाने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री सह अध्यक्ष जनजातीय परामर्शदात्री परिषद हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार हर हाल में आदिवासी समुदाय की आस्था और विश्वास का धार्मिक धरोहर लुगू पहाड़ को संरक्षित करने का काम करेगी। हमारी सरकार किसी भी समुदाय के भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होने देगी। जनभावना के अनुरूप टीएसी द्वारा लुगू पहाड़ जल विद्युत पंप भंडारण परियोजना को लुगु पहाड़ में नहीं स्थापित होने दिए जाने के संबंध में बैठक में लिया गया निर्णय महत्वपूर्ण है।आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि की भूमिका अहम

बैठक में वर्तमान राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर 15 नवंबर से 29 दिसंबर तक राज्यव्यापी अभियान आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों एवं प्रभारी मंत्री को अपनी महती भूमिका निर्वहन करने का निर्देश दिया गया। योजना के तहत आयोजित होने वाले शिविरों में बिरसा आवास योजना, बिरसा सिंचाई कूप योजना, जाति, आय, जन्म, मृत्यु, दिव्यांगता प्रमाण पत्र सहित सर्वजन पेंशन, सावित्रीबाई फुले बालिका समृद्धि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना आदि का लाभ शत-प्रतिशत लाभुकों को सुनिश्चित कराया जा सके, इस निमित्त गहन विचार-विमर्श किया गया।

वन पट्टा वितरण में तेजी लाने का निर्देश
बैठक में वन अधिकार अंतर्गत अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान के तहत राज्य के वैसे आश्रित जो वनों पर निर्भर हैं उनके बीच व्यक्तिगत एवं सामुदायिक पट्टे का वितरण तेज गति से किए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। साथ ही झारखंड में पेसा कानून लागू किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ। टीएसी के सदस्यों से राज्य में बेहतर पेसा कानून लागू किया जा सके इस निमित्त उनके लिखित सुझाव भी मांगे गए। छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 पर चर्चा सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विकासात्मक मुद्दों पर गहन विचार विमर्श-किया गया।

बैठक में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री सह टीएसी के उपाध्यक्ष चम्पई सोरेन, विधायक सह टीएसी सदस्य प्रो. स्टीफन मरांडी, सीता सोरेन, दीपक बिरुआ, भूषण तिर्की, सुखराम उरांव, दशरथ गगराई, विकास कुमार मुंडा, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की, मनोनीत सदस्य विश्वनाथ सिंह सरदार जमल मुंडा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे सहित अन्य उपस्थित थे।

Related posts