चाइनीज दीये और झालर का विरोध
संजय सागर
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बड़कागांव :दीपावली व छठ पर्व नजदीक होने पर बड़कागांव प्रखंड तथा आसपास क्षेत्रों में कुम्हारों की चाक की रफ्तार तेज हुई. चीन के उत्पादों के बहिष्कार के लिए एक तरफ से उठ रहे स्वर को देखते हुए दीपावली पर मिट्टी का दिया बनाने वाले कुम्हारों में इस बार नयी उम्मीद जगी है. इसके चलते उनके चाक ने रफ्तार पकड़ ली है. उन्हें उम्मीद है कि अब उनका धंधा रफ्तार पकड़ लेगा. चीन की झालरों ने कुम्हारों का धंधा चौपट कर दिया था, जिससे उन्होंने दीया बनाना भी कम कर दिया था.
दीया बनाने में जुटे कुम्हार
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बड़कागांव कुम्हार मोहल्ला के चेतलाल प्रजापति, मूर्तिकार हीरालाल प्रजापति 1967 ई से ही मूर्ति, दीया, घड़ा चुका, ढकनी बना रहे है. दीपावली पर्व को लेकर उन्होंने अब तक 10,000 दीया बना चुके है. दीपावली तक इन्हें 35000 दीया बनाने का लक्ष्य है. अब तक इन्होंने 6,000 पूंजी लगाया है. इसके अलावा परमेश्वर प्रजापति 15000 दीये, छोटू प्रजापति , रवि प्रजापति घड़ा ,चुका, कलश, ढकनी बना रहे है. गोवर्धन प्रजापति अबतक 12000 दीया बना चुके है. इस तरह से प्रखंड के बड़कागांव, तेलियातरी, भगवानबागी,महुगाईखुर्द, गोसाई बलिया समेत कई गांवों में अधिकांश कुम्हार दीया बनाने में जुटे हुए है. प्रति पीस दीया की कीमत एक रुपये है.