मौसम में हुए बदलाव और उमस भरी गर्मी के कारण अस्पताल में बढ़ रहे मरीज

रोजाना उल्टी-दस्त के दर्जनभर मरीज पहुंच रहे अस्पताल

मेदिनीनगर : मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की भीड़ प्रतिदिन उमड़ रही है।तपती धूप व भीषण गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है।अचानक शुरू हुई भीषण गर्मी और उमस के कारण लोगों के बीमार होने का सिलसिला शुरू हो गया है।मेदिनीराय मेडिकल अस्पताल से लेकर निजी क्लिनिक में प्रतिदिन गर्मी की वजह से बीमार पड़ने वाले दर्जनों मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल में मरीजों की चिकित्सा के लिए इंतजाम नाकाफी हैं।

अस्पताल में चाहे दवा वितरण काउंटर हो या फिर चिकित्सक का कक्ष, सभी जगह भीड़ बढ़ने से मरीजों को इलाज कराने में परेशानी उठानी पड़ रही है। डॉक्टर भी परेशान दिख रहे हैं।भीषण गर्मी का सीधा असर लोगों पर पड़ रहा है। गर्मी बढ़ते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। मौसम में बदलाव के साथ ही उल्टी-दस्त व पेट दर्द की बीमारी ने दस्तक दे दी है। रविवार को ओपीडी के सामान्य विभाग में ऐसे कई मरीज पहुंचे थे, जिन्हें उल्टी-दस्त व पेट दर्द की शिकायत थी। गर्मी से बुखार, उल्टी-दस्त, पेट दर्द के साथ ही डायरिया ने भी पांव पसारना शुरू कर दिया है। अस्पताल में पिछले एक सप्ताह में दर्जन से अधिक मरीज डायरिया के पहुंच चुके हैं। चिकित्सकों की माने तो डायरिया एक जल जनित बीमारी है। गर्मी बढ़ते ही लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए कहीं से भी खरीदकर पानी पीना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा टैंकरों व सप्लाई का पानी भी कई बार खराब आ जाता है। इसलिए लोगों को इस मौसम में हमेशा साफ पानी या पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए।गर्मी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है।

गर्मी में बच्चों के बीमार होते ही अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। गर्मी के कारण उल्टी दस्त, बुखार, पेट में दर्द, सांस की बीमारी आदि बच्चों में ज्यादा हो रहे हैं। ज्यादातर बच्चे उल्टी दस्त के अलावा वायरल फीवर से भी परेशान हैं। रोजाना 8-10 बच्चे अस्पताल में गर्मी से होने वाली बीमारी से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज उपचार करा रहे हैं।मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर रोहित पांडे ने कहा कि गर्मी में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। बच्चे दूषित पानी या फिर अन्य चीज खा लेते हैं। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्मी से बचाव के लिए बच्चे का ख्याल रखना चाहिए। वहीं बड़ों को भी गर्मी से बचाव के इंतजाम रखने चाहिए। जैसे ही बुखार, उल्टी, सिरदर्द आदि के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

Related posts