21 मार्च 2017 को पूर्व डिप्टी मेयर एवं कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगो को गोलियों से भून दिया गया था 

धनबाद: 2017 के 21 मार्च को पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों को गोलियों से भून दिया गया था. इस हत्याकांड को धनबाद के लोग आज भी नहीं भूल पाए होंगे . हत्याकांड के एक कथित शूटर अमन सिंह की 3 दिसंबर को धनबाद जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना ने भी काफी सुर्खियां बटोरी और धनबाद से लेकर रांची तक तहलका मचा दिया. हत्याकांड के दिन नीरज सिंह अपने घर लौट रहे थे कि सरायढेला में ब्रेकर के पास जैसे ही उनकी गाड़ी धीमी हुई, घात लगाए अपराधियों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग की. बताने वाले कहते हैं कि 100 राउंड से भी अधिक फायरिंग की गई थी. इस फायरिंग में नीरज सिंह समेत चार लोगों की मौत हो गई थी.

धनबाद में पहली बार चली थी इतनी गोलियां

धनबाद के इतिहास में शायद एक साथ इतनी गोलियां कभी चली नहीं थी. यह अलग बात है कि एक-47 का उपयोग तो हत्याकांड को अंजाम देने में पहले भी किया गया था लेकिन इतनी गोलियां एक साथ नहीं चली थी. वह भी भीड़भाड़ वाले इलाके में. नीरज सिंह अपने मृदुभाषी स्वभाव के कारण धनबाद की राजनीति में तेजी से उभर रहे थे. लेकिन योजनाबद्ध ढंग से उनकी हत्या कर दी गई. नीरज सिंह की हत्या के मामले में उनके चचेरे भाई संजीव सिंह 2017 से ही न्यायिक हिरासत में है .हिरासत में उनकी तबीयत कई बार बिगड़ चुकी है. रिम्स के मेडिकल बोर्ड की सलाह और हाई कोर्ट के आदेश पर संजीव सिंह का दिल्ली एम्स में भी इलाज हुआ. फिलहाल रांची रिम्स में संजीव सिंह न्यायिक हिरासत में अपना इलाज करा रहे हैं.

 

नीरज सिंह की हत्या करनेवाले अमन सिंह को भी धनबाद जेल में मारी गई गोली

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर का गैंगस्टर अमन सिंह को नीरज सिंह की हत्या के मामले में ही पड़कर धनबाद लाया गया था. झारखंड के अलग-अलग जेल में बंद रहने वाले अमन सिंह की 3 दिसंबर 2023 को धनबाद जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई. सीआईडी ने पूरे मामले में पिछले दिनों रांची सीआईडी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. अमन सिंह धनबाद आने के बाद अपना गैंग तैयार कर लिया था और विभिन्न जेलों में रहते हुए रंगदारी उद्योग चला रहा था. लेकिन 3 दिसंबर 2023 को धनबाद जेल में ही उसकी हत्या कर दी गई. नीरज सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी 2019 में कांग्रेस की टिकट पर झरिया विधानसभा से चुनाव लड़ा और वह अपनी गोतनी रागिनी सिंह को हराकर विधायक बनी.

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