पाकुड़ संवाददाता
पाकुड़: जिला के ग्राम सितेशनगर पंचायत पृथ्वीनगर प्रखंड पाकुड़ में वित्तीय वर्ष 2023-24 रबी में सब्जी मटर की तकनीकी खेती पर कृषक पाठशाला का संचालन किया गया। इस कृषक पाठशाला मे 25 किसानों के समूह के बीच सब्जी मटर की उन्नत तकनीक खेती के बारे में कृषि विज्ञान केन्द्र, महेशपुर के कृषि वैज्ञानिक डा० बिनोद कुमार एवं आत्मा पाकुड़ के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक मु० शमीम अंसारी एवं प्रगतिशील किसान मोहम्मद समसुज्जोहा के द्वारा किसानों को तकनीकी जानकारी दी गई। किसानों को खेत तैयारी से उन्नत बीज का प्रयोग कर बीज शोधन, खाद एवं उर्वरक प्रयोग एवं सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, आईपीएम (समेकित कीट व्याधि प्रबंधन)आदि विषयों पर विस्तार से विभिन्न दिनांक पर कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा तकनीकी ज्ञान कुल छ: क्लासेस मे दी जा रही है, साथ ही एक एकड़ जमीन पर सब्जी मटर का प्रत्क्षण किसानों के द्वारा करवाया गया। किसानों के बीच आईपीएम किट का वितरण भी किया गया एवं खेतों में लगने वाले कीट व्याधि बीमारी आदि की पहचान के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया एवं खेतों में जाकर विभिन्न प्रकार के कीट का पहचान कराया गया एवं उसके प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया गया इसके पहले के क्लासों में बीज शोधन की तकनीक फिर के माध्यम से बताया गया जिसमें बीज का शोधन पहले फंगीसाइड (फफुंदनाशी) से फिर कीटनाशी से एवं अंतिम में राईजोबियम कल्चर से बीज उपचारित करने की बैज्ञानिक तकनीक बताया गया एवं कराया भी उर्वरक के रूप में किसानों के बीच प्रत्यक्ष हेतु जिंक और बोरोन उर्वरक वितरण किया गया एवं खेतों में प्रयोग कराया गया। अधिक उपजशील प्रजाति आर0के0- 10 का वितरण किया गया जिसका किसानों ने डेढ़ फीट पर कतार से कतार (लाइन टू लाइन) एवं 2 इंच पर पौधे से पौधे (प्लांट टू प्लांट) की दूरी रखा गया। पहली सिंचाई बुवाई के 30 दिन बाद एवं दूसरी सिंचाई 50 दिन बाद दिया गया। किसानों को मटर फसल में जैविक विधि से तैयार की हुई जीवामृत प्रयोग करने की विधि बताई गई और किसानों द्वारा इसका प्रयोग अपनी फसल में किया गया है इससे किसानों को रासायनिक कीटनाशी का छिड़काव नहीं करना पड़ा है एवं केवल जैविक दवा का ही प्रयोग किया गया है। अभी मटर फली काफी आई हुई है और उम्मीद है की फसल अच्छी होगी । किसान फसलों से खुश हैं और तकनीकी सीख कर आने वाले वर्ष में अधिक क्षेत्र में सब्जी मटर की खेती करेंगे । किसानों को मटर छीमी से लाभ अधिक मिल रहा है। इससे प्रेरित होकर अन्य किसान मटर सब्जी मटर की खेती आने वाले समय में अधिक रकबा में करेंगे।