धोखेबाजी करके पैसे निकासी मामले को उजागर करने वाले पर मारपीट करने का आरोप

बड़कागांव: खातेधारी एवं फर्जीवाड़ा को उजागर करने वाले के विरुद्ध दिलीप राणा ने मारपीट करने एवं जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए थाना में आवेदन देकर मामले को समझौता करने का दबाव डाला। इसे ही कहते हैं  चोरी भी और सीना जोरी भी । एसबीआई शाखा बड़कागांव से 5 लाख 43000 की फर्जी निकासी मामले में जब खाताधारी विनोद गंझू ने दिलीप राणा के विरुद्ध फर्जीवाड़ा का थाना में आवेदन दिया तो दिलीप राणा को भनक लगते ही षड्यंत्र रचकर खातेधारी विनोद गंझू एवं एलआईसी के क्लेम में मदद करने वाले सह फर्जीवाड़ा का उद्वेदन करने वाले राजेश सोनी के विरुद्ध डाडीकला थाना में आवेदन देकर मारपीट करने एवं जान से मारने की धमकी का आरोप लगाते हुए आनन फानन में आवेदन दिया गया ताकि मामले को समझौता किया जा सके। आवेदन में दिलीप राणा ने कहा है कि मैं 30 अक्टूबर 2023 करीब समय 10:00 बजे भारतीय स्टेट बैंक बड़कागांव शाखा से बैंक तगादा के लिए सोनबरसा गांव निवासी रुपू महतो के पास जा रहा था कि सोनबरसा पुल के पास ही विनोद गंझू एवं संजय सोनी द्वारा मारपीट के बाद जान से मारने की धमकी दी गई। आवेदन में कहा गया है कि मारपीट एवं जान से मारने की धमकी का कारण राजेश सोनी द्वारा कहा गया कि विनोद गंझू का पैसा लौटा दो।इधर चर्चा का विषय है कि विनोद गंझू के खाता संख्या 41198706105 से चेक के माध्यम से जिस पंकज कुमार शर्मा नामक व्यक्ति के खाता में 5,43,000 की राशि का ट्रांसफर हुआ है आखिर वह व्यक्ति कौन है? पत्रकारों द्वारा पंकज कुमार शर्मा के पता खाता संख्या एवं ट्रांसफर किए गए चेक संख्या के बारे में शाखा प्रबंधक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह ऑफिशियल मामला है इसे उजागर नहीं किया जा सकता है लेकिन पैसे का ट्रांसफर विनोद गंझू के हस्ताक्षर पर ही हुआ है। इससे अधिक कुछ भी नहीं बताया जा सकता है। वहीं चर्चा है कि मामला बड़कागांव एसबीआई शाखा का है तो बड़कागांव थाना के बजाय आवेदन डाडीकला थाना में दिलीप राणा द्वारा क्यों दिया गया? दरअसल जब विनोद गंझू के खाते से पैसे की निकासी का मामला का खुलासा राजेश सोनी के द्वारा ही किया गया। क्योंकि राजेश सोनी द्वारा विनोद गंझू के पिता सुकर गंझू की मृत्यु के बाद भारतीय जीवन बीमा निगम से क्लेम दिलाने में मदद की थी और जब क्लेम की राशि विनोद गंझू के खाते में पहुंच गई तो इसकी सूचना राजेश सोनी द्वारा विनोद गंझू को दी गई कि क्लेम के पैसा आपके खाते में पहुंच गई है। इससे पूर्व ही खाता खोलने के बाद विनोद गंझू के अनुसार पासबुक, एटीएम कार्ड एवं चेक में हस्ताक्षर कराकर चेक बुक भी बैंक कर्मी दिलीप राणा द्वारा रख लिया गया था। सूत्र बताते हैं कि जैसे ही विनोद गंझू के खाते में क्लेम का पैसा 5,43,000 आया वैसे ही दिलीप राणा अपने रिश्तेदार पंकज कुमार शर्मा के खाते में पूरी राशि को ट्रांसफर करा लिया। जब मामले का खुलासा हुआ तो सीधे-साधे विनोद गंझू को मात्र 50,000 रुपए देने की बात कही जाने लगी। लेकिन राजेश सोनी ने विनोद गंझू को बताया कि यह पूरी राशि आपके पिता के क्लेम की राशि है और पूरी राशि का मालिक आप हैं। लेकिन दिलीप राणा 50,000 मात्र ही देने की बात पर अडिग रहा। जब इस मामले को लेकर विनोद गंझू द्वारा बड़कागांव थाने में आवेदन देने की भनक दिलीप राणा को लगी तो एक दिन पूर्व ही आनंद फानन में डाडीकला थाना में एक झूठा आवेदन देकर विनोद एवं राजेश सोनी पर मारपीट एवं जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया ताकि मामले को समझौता किया जा सके और अंततः दोनों आवेदन के बाद समझौता की गई। इसे ही कहते हैं चोरी भी और सीना जोरी भी। विदित हो कि दिलीप राणा की यह इस बैंक की पहली घटना ही नहीं बल्कि कई घटनाओं का अंजाम इस तरह का दिया जा चुका है। कई बार बड़कागांव थाना में मामला पहुंचा और इसी प्रकार समझौता कर सुधर जाने की चेतावनी दी गई। बावजूद उसकी हरकत में कोई सुधार नहीं हो रही है। यही कारण है कि दिलीप राणा द्वारा बड़कागांव थाना में आवेदन नहीं देकर दाढ़ी कला थाना में दिया गया। सूत्र बताते हैं कि इस काम में इस बैंक के गर्मी का आशीर्वाद प्राप्त रहता है जिसके कारण कई खातेधारी को इसके द्वारा भुक्तभोगी बनाने जाने का सिलसिला वर्षों से जारी है। क्षेत्र में यह चर्चा का विषय बन गया है कि किसके संरक्षण में दिलीप राणा बार-बार बड़ी राशि की फर्जीवाड़ा करने के बाद मामले को समझौता कर निपटा दिया जाता है?

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