मुखिया सुरेश मुखी को बस्ती वासियों ने नम आंखों से दी विदाई, अंतिम संस्कार में उमड़ी हजारों की भीड़, कांग्रेसी झंडा ओढ़ाकर दिया सम्मान

जमशेदपुर : बीते मंगलवार कि रात्रि लगभग 9 बजे बिस्टुपुर थाना अंतर्गत धातकीडीह तालाब में कांग्रेस अनुसूचित जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष सह हरिजन बस्ती के मुखिया सुरेश मुखी ने छलांग लगा दी थी। इस दौरान वे आधे घंटे तक पानी में ही रहे। जिसके बाद आस-पास के लोगों की मदद से उन्हें बाहर निकालकर टीएमएच पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद शव को अस्पताल के शीतगृह में रखवा दिया गया। इस दौरान काफी संख्या में बस्ती वासी भी अस्पताल पहुंचे हुए थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने तालाब में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं बुधवार पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेज दिया। जहां पोस्टमार्टम होने के बाद शव को परिवार के सुपुर्द कर दिया गया। जिसके बाद परिजन शव लेकर कदमा उलियान टैंक रोड स्थित घर पर पहुंचे। इस दौरान परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था। वहीं नियम पूरा करने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
उलियान से वाहन द्वारा शव यात्रा कदमा फॉर्म एरिया स्टाफ क्वार्टर होते हुए धातकीडीह हरिजन नीचे बस्ती उनके कार्यालय के पास पहुंची। जहां से बस्ती वासी उनके पार्थिव शरीर को पैदल लेकर मुख्य हरिजन बस्ती में पहुंची। जहां लोगों ने उनके अंतिम दर्शन भी किए। मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे, कार्यकारी जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सोनकर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय यादव समेत अन्य ने कांग्रेसी झंडा ओढ़ाकर उन्हें सम्मान भी दिया। जिसके बाद शव यात्रा बिस्टुपुर स्थित पार्वती घाट के लिए निकली। जिसमें हजारों की संख्या में बस्ती वासी और परिचित भी शामिल हुए। बताते चलें कि आत्महत्या के मामले में मृतक की दूसरी पत्नी सुनीता मुखी ने कहा कि बीते एक सप्ताह से पति काफी परेशान थे। मंगलवार की रात्रि वे हरिजन बस्ती स्थित घर पर आए। इस दौरान उन्होंने मुझे डांटा थी। वे किसी से फोन पर जोर-जोर से बात भी कर रहे थे। थोड़ी ही देर बाद उन्होंने मुझे अपना और होटल का ध्यान रखने की बात कह कर घर से स्कॉर्पियो वाहन लेकर निकल गए। कुछ देर बाद भगना झंटु प्रमाणिक न होटल में पहुंचकर पति के बारे में जानकारी ली। जिसके बाद वह बैधनाथ मुखी के साथ स्कूटी से उन्हें खोजने निकला। इस दौरान दोनों धातकीडीह तालाब के पास उनके वाहन को देख रुक गए। साथ ही उन्हें साथ में चलकर चाय पीने की बात भी कही। मगर पति ने खुद को कुछ देर शांति में रहने की बात कहकर दोनों को वहां से जाने को कहा। अभी वे कुछ ही दूर पहुंचे थे कि पति ने दोनों मोबाइल वाहन में रखकर तालाब में छलांग लगा दी। वहीं पीछे मुड़कर देखने पर जब दोनों ने पति को नहीं देखा तो वापस गाड़ी के पास पहुंचे। तभी कुछ आदमी किसी के तालाब में कूदने की बात कहकर चिल्लाने लगे। सूत्रों से पता चला है कि बीते एक सप्ताह से वे तालाब के पास ही जाकर बैठ रहे थे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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