– डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस ने किया खुलासा, चार सदस्यीय टीम ने 5 दिन कैंप कर किया गिरफ्तार
जमशेदपुर : डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस साकची जमशेदपुर की चार सदस्यीय टीम ने स्थानीय अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के सहयोग से पश्चिम बंगाल कोलकाता के पौश एरिया सॉल्ट लेक के दो कॉलोनी स्थित फ्लैट में बीते सोमवार छापेमारी कर 522 करोड़ रुपए जीएसटी चोरी के मामले में दो सगे भाईयों अमित गुप्ता और सुमित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। इस दौरान टीम ने फ्लैट से जरूरी दस्तावेज भी बरामद किया है। वहीं गिरफ्तारी के बाद टीम दोनों आरोपी को सड़क मार्ग से देर रात्रि शहर लेकर पहुंची। जिसके बाद मंगलवार टीम ने दोनों आरोपी को साकची स्थित एमजीएम अस्पताल में चिकित्सीय जांच कराने के बाद न्यायालय में प्रस्तुत कर घाघीडीह सेंट्रल जेल भेज दिया है। मामले में अधिकारियों ने बताया कि विगत दिनों पश्चिम बंगाल हावड़ा से करोड़ों की जीएसटी चोरी मामले में टीम ने शिव कुमार देवड़ा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं पूछताछ में उसने अपने गुरु अमित गुप्ता और उसके भाई सुमित गुप्ता का नाम बताया था। जिसके बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस अधिकारी रौशन कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बनी टीम जिसमें दिनेश कुमार, राजीव रंजन और आशुतोष कुमार भी शामिल थे, ने पुख्ता सबूत मिलने के बाद पांच दिनों तक कैंप कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान बड़े भाई अमित गुप्ता को टीम ने 13 वें मंजिल पर बने फ्लैट से गिरफ्तार किया। जबकि छोटे भाई सुमित गुप्ता को बगल में स्थित कॉलोनी के चौथे मंजिल से टीम ने पकड़ा। टीम ने बताया कि अब तक आरोपी अमित गुप्ता द्वारा फर्जी सेल कंपनी बनाकर 22 करोड़ रुपए जीएसटी चोरी की पुष्टि हुई है और जिसमें उसका भाई सुमित गुप्ता भी सहयोग करता था। यह चोरी 1000 करोड़ रुपए तक होने की संभावना है। जिसके लिए अमित गुप्ता ने 3000 करोड़ का बोगस ट्रांजेक्शन भी किया है। साथ ही 5000 करोड़ बोगस ट्रांजेक्शन होने की संभावना है। साल 2021 से ही आरोपी के द्वारा टैक्स की चोरी की जा रही है। उसका कारोबार पूरा देश में फैला हुआ है। जिसमें दिल्ली, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, हैदराबाद, चेन्नई, महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्य शामिल हैं। आरोपी ने टैक्स चोरी के पैसों से कोलकाता सॉल्ट लेक में तीन फ्लैट और हावड़ा में दो फ्लैट भी खरीदा है। साथ इसने हवाला के जरिए पैसे देश से बाहर भी भेजा है। आरोपी चाइना भागने वाला था। मगर इससे पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसने टीम के सामने गिरोह में मौजूद कई नामों के बारे में भी बताया है। जिसपर जांच चल रही है और आगे भी गिरफ्तारियां होंगी।