मेदिनीनगर: देश में चारों तरफ गर्मी से लोगों का बुरा हाल है। कई राज्यों में गर्मी की तपिश लगातार बढ़ती जा रही है और बढ़ते तापमान ने लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल कर दिया है। तपिश का स्तर इतना ज्यादा है कि रात में भी शहर ठंडे नहीं हो रहे हैं।वहीं, उत्तर भारत के कई राज्यों में गर्मी का सितम जारी रहेगा क्योंकि 25 मई से नौतपा शुरू हो चुका है। जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बता दें कि नौतपा में लगातार नौ दिन भयंकर गर्मी पड़ती है।नौतपा के दौरान राजस्थान हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसी राज्यों में तापमान के 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की आशंका है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में आज तापमान 46 डिग्री तक जा सकता है।
क्या होता है नौतपा
नौतपा में नौ दिन के दौरान प्रचंड गर्मी पड़ती है और ये दिन साल के सबसे गर्म दिन भी होते हैं। नौतपा के दिनों में सूरज की किरणें सीधे धरती पर गिरती हैं।इस अवधि के दौरान गर्मी के सर्वोच्च स्तर पर होती है। वैसे यह आम तौर पर जून के महीने के आस पास आता है लेकिन इस बार मई में ही आ गया है। कई इलाकों में से इसे नवताप भी कहा जाता है।
नौतपा के दौरान क्यों पड़ती है भयंकर गर्मी ?
भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूरज हर वर्ष 15 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। इन्हीं 15 दिन के शुरुआती नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है। दरअसल नौतपा के नौ दिनों में सूर्य और धरती आमने-सामने होते हैं। इसलिए इस दौरान भीषण गर्मी भी पड़ती है।इस बीच, भारतीय मौसम विभाग ने भी पंजाब,हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिम राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर 31 मई तक भीषण हीट वेव चलने की आशंका जताई है।
नौतपा में गर्मी से बचने के लिए क्या करें?
जरुरत पड़ने पर ही घर निकले*
सबसे पहले तो नौतपा के दौरान जरुरत पड़ने पर ही घर निकले और कोशिश करें कि अपने काम या तो सुबह जल्दी निपटा लें या शाम होने का इन्तजार करें।
पानी का खूब सेवन करें
वहीं, नौतपा के दौरान तरल पदार्थों के साथ पानी का खूब सेवन करें और अपने शरीर को पूरी तरह से हाइड्रेटिड रखें। इस दौरान शरीर में पानी की कमी से चक्कर भी आ सकते हैं, ऐसे में बाहर निकलते हुए अपने साथ हमेशा पानी की बोतल रखें।
छाता, गमछा, टोपी का इस्तेमाल करें
घर से बाहर निकलते हुए छाता भी साथ लेकर जाएं। यदि छाता नहीं है तो टोपी, गमछे जैसी चीजों से अपने सर को धक कर रखने की कोशिश करें जिससे सूर्य की किरणें सीधे आपके सर पर न पढ़ें।