गढ़वा : झारोटेफ के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रान्त सिंह के आह्वान पर झारखण्ड राज्य के समस्त शिक्षकों ने झारखण्ड परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के द्वारा शिक्षकों को लेकर की गई अमर्यादित एवं अशिष्ट टिप्पणी के विरोध में अपने अपने विद्यालयों में खाली पैर (नंगें पांव) रहकर पठन-पाठन का कार्य किया।
विदित हो के राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा था की “कोई भी शिक्षक यदि विद्यालय में चप्पल पहन कर आते हैं तो हम उसी चप्पल से उसको ऐसा मारेंगे कि वह पहनने लायक नहीं रहेगा।” राज्य के शिक्षकों में परियोजना निदेशक के इस अमर्यादित टिप्पणी को लेकर उबाल है और वे माननीय मुख्यमंत्री से इन्हें शिक्षा विभाग से हटाने की मांग कर रहे हैं।
इस विषय पर बात करते हुए JHAROTEF जिला इकाई गढ़वा के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा कि शिक्षक समाज का सबसे प्रतिष्ठित वर्ग होता है तथा शैक्षणिक कार्य को बेहतर बनाने के लिए हंटर और गाली गलौज नहीं बल्कि सम्मान और संसाधन चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस प्रकार के अशिष्ट बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती, हम इसका घोर भर्तसना करते हैं। निदेशक महोदय की मंशा क्या है यह तो वही जानते हैं परंतु उनकी भाषा से ऐसा प्रतीत होता है कि वे शिक्षकों को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और यह मानकर चल रहे हैं कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए वे अकेले जिम्मेदार हैं। शिक्षक राज्य सरकार द्वारा निर्धारित हर एक दिशा निर्देश का अनुपालन करने को तैयार है यदि सरकार द्वारा कोई यूनिफॉर्म निर्धारित की जाती है तथा उसके अनुरूप संसाधन की व्यवस्था की जाती है तो कोई भी शिक्षक हवाई चप्पल पहनकर विद्यालय क्यों जाना चाहेगा। आज के सांकेतिक विरोध से *हम सरकार को यह जताना चाहते हैं कि नंगे पांव रहकर पढ़ना तो संभव है परंतु ऐसे अधिकारियों की अशिष्टता को बर्दाश्त करना संभव नहीं।