जामुन दोहर में नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर 90 दिनों से बैठे है विश्रामपुर के रैयतों 

सीसीएल प्रबंधन और रैयतों के बीच होगी वार्ता आज

खलारी: बिहार कोलयरी कामगार यूनियन (सीटू) के बैनर तले लगातार 90 दिनो से विश्रामपुर के रैयतों का सीसीएल की केडीएच परियोजना खदान से सटे जामुन दोहर में नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर धरना जारी है। वहीं लगातार बढ़ती ठंड और कुहासे के बीच भी रैयत धरने पर बैठे हुए है। शुक्रवार को धरना प्रदर्शन पर मुख्य रूप से उपस्थित बिहार कोलयरी कामगार यूनियन के रिजनल सचिव धनेश्वर तुरी ने कहा कि उत्खनन क्षेत्र के रैयतो ग्रामीणों के लिए नौकरी मुआवजा बहुत बड़ा समास्या बनता जा रहा है। कहा की सीसीएल प्रबंधन कोयला खदान का तो लगातार विस्तारीकरण कर रहा है लेकिन जिनकी जमीन ली गई उन्हे न तो उचित पुनर्वास किया गया और न ही रैयतों को नौकरी और मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा की वर्तमान में केडीएच परियोजना खदान से सटे इलाकों में लगातार भू-धसान और भू-स्खलन की घटनाएं हो रही है। साथ ही कई जगहों में आग लगी हुई है। जमीन के अंदर से निकल रही जहरीली गैस से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। वहीं खदान के नजदीक विश्रामपुर के क्षेत्र में जल स्तर के नीचे जाने से लोगों के समक्ष पानी को भी समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे विषम परिस्थिति के भुक्तभोगी रैयतों और ग्रामीणों के समक्ष आंदोलन करने के सिवाय और कोई रास्ता नही बचा है। खदान विस्तारीकरण में विश्रामपुर से लेकर जामुन दोहर, तुमांग को सीसीएल द्वारा उजाड़ने का प्रयास हों रहा है। वहीं उन्होंने बताया की सीसीएल प्रबंधन शनिवार 30 दिसम्बर रैयतों के साथ वार्ता करने को लेकर बैठक बुलाया है। उन्होंने प्रबंधन को चेताया की अगर सकारात्मक वार्ता नही हुई तो 15 दिन के बाद केडीएच परियोजना का उत्पादन और उत्प्रेषण पूरी तरह से ठप करा दिया जाएगा। जिसकी पूरी जिम्मेवारी सीसीएल प्रबंधन की होगी। मौके पर उपस्थित रिजनल उपाध्यक्ष गौतम बनर्जी ने कहा कि लगातार तीन माह से धरना प्रदर्शन पर बैठे रैयतो ग्रामीणों के लिए प्रबंधन की ओर से किसी तरह का कोई पहल नहीं किया गया है। वही बिहार कोलयरी कामगार यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष रतिया गंझू ने कहा कि शानिवार को हमारी सीसीएल प्रबंधन, अंचलाधिकारी खलारी और रैयत ग्रामीणों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता होगी। उन्होंने कहा की अगर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो हम रैयतों को एक वर्ष भी धरने पर बैठना पड़ेगा तो बैठेंगे और अपना हक और अधिकार लेकर उठेंगे। धरने पर मुख्य रूप में बिहार कोलयरी कामगार यूनियन के रिजनल अध्यक्ष बसंत कुमार, एनके एरिया अध्यक्ष इरफान खान, देवराज गंझू, संतोष कुमार गंझू, संजय गंझू, रोशन गंझू, बलदेव गंझू, मंतोष गंझू , सोनू गंझू ,चंद्रमणि गंझू, सुखदेव गंझू, दशरथ गंझू , बलराम गंझू, दीपक गंझू सहित जामुन दोर के रैयत विस्थापित ग्रामीण उपस्थित थे।

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