जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम का अक्सर विवादों से नाता रहा है। या फिर यूं कहें कि इस अस्पताल को चर्चा में रहने की आदत सी हो गई है। ऐसा ही एक हृदयविदारक दृश्य सोमवार की सुबह अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड शौचालय के पास देखने को मिला। जहां भूख से तड़प रहा एक लावारिस इंसान अपने पेट की आग को बुझाने के लिए मरीजों के छोड़े हुए जूठन को खाता हुआ नजर आया। अपने आप में यह दृश्य पूरे मानवता को शर्मसार कर रहा था। इस दौरान आस-पास के लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि लावारिस बुजुर्ग व्यक्ति बीते कई दिनों से शौचालय के पास पड़ा हुआ है और रोजाना सुबह से लेकर रात तक इसी तरह जूठन खाकर अपना पेट भरता है। जबकि अस्पताल के कर्मचारियों समेत कई लोग उसके आस-पास के वार्ड में आते-जाते भी हैं। मगर किसी ने भी इस और ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। बताते चलें कि अक्सर अस्पताल में आने वाले लावारिस लोग शौचालय के पास स्ट्रेचर पर ही नजर आते हैं और जिनकी सुधि लेने वाला भी कोई नहीं होता। अस्पताल में सुधार के दावे तो बहुत किए जाते हैं। बावजूद इसके व्यवस्था धरी की धरी रह जाती है। ऐसा लगता है कि एमजीएम अस्पताल ही बीमार हो गया है और इसे ही डॉक्टर की जरूरत है।
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