विधायक सरयू राय के सनसनीखेज आरोप

 

कहा – कितनी राशि का भुगतान हुआ, कितनी शेष है, उसकी भी जानकारी दें

गंभीर आरोप – मंत्री बन्ना गुप्ता ने चुनावी फंड एकत्र करने के लिए की राहुल कुमार की नियुक्ति

– झारखण्ड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव के पद पर बन्ना गुप्ता ने संदिग्ध को नियुक्त किया

 

– लगता है बन्ना गुप्ता ने अनुकम्पा के आधार पर यह नियुक्ति की

 

– राहुल कुमार के बहनोई भी 18 साल तक इसी पद पर रह चुके हैं

 

– राज्य सरकार को तत्काल इस नियुक्ति को खारिज कर देना चाहिए

 

जमशेदपुर: झारखण्ड विधानसभा में शुक्रवार को निजी विश्वविद्यालय विधेयक-2024 पर बहस के दौरान विधेयक के खंड-2 (न) में फार्मेंसी एक्ट के उल्लेख के आधार पर विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर घोटाले का एक गंभीर आरोप लगाया है। जिसके समर्थन में स्वास्थ्य विभाग का आदेश संख्या-06/फार्मेसी.08-18/2021-92(8), 30 जुलाई 2024 प्रस्तुत किया। विधायक ने सदन को बताया कि झारखण्ड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव के पद पर बन्ना गुप्ता ने एक ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति कर दी है, जिसकी योग्यता संदिग्ध है।

 

(निबंधक-सह-सचिव की उक्त औपबंधिक नियुक्ति के लिए माननीय विभागीय मंत्री द्वारा निम्न आदेश प्राप्त है :-

 

श्री राहुल कुमार को अस्थायी रूप से निबंधक-सह-सचिव, झारखण्ड फार्मेसी काउंसिल का प्रभार इस शर्त के साथ दिया जाता है कि इनकी योग्यता निबंधक-सह-सचिव, झारखण्ड फार्मेसी काउंसिल के लिए है अथवा नहीं, की समीक्षा विभागीय स्तर पर कर लिया जाए। यदि ये योग्य पाये जाते हैं तो ही तत्संबंधित अधिसूचना निर्गत करें।)

 

विधायक सरयू राय ने कहा कि झारखण्ड राज्य फार्मेसी काउंसिल की नियमावली नहीं बनी है। जबकि इसका अधिनियम 1948 में बनाया गया था। इसमें प्रावधान है कि फार्मेसी काउंसिल के सदस्य मिलकर निबंधक एवं सचिव ही तय करेंगे। जिसके बाद इसे राज्य सरकार की सहमति के लिए भेज देंगे। यानी स्वास्थ्य मंत्री स्वयं निबंधक की नियुक्ति के लिए अधिकृत नहीं है। परन्तु अनाधिकार चेष्टा करते हुए बन्ना गुप्ता ने एक ऐसे व्यक्ति को निबंधक और सचिव बना दिया है, जिसकी योग्यता के बारे में अधिसूचना में अंकित है कि ‘‘इनकी योग्यता निबंधक सह सचिव, झारखण्ड फार्मेसी काउंसिल के लिए है अथवा नहीं, इसकी समीक्षा विभागीय स्तर पर कर लिया जाय।’’ बन्ना गुप्ता ने मनमाने तरीके से एक ऐसे व्यक्ति (राहुल कुमार) का चयन निबंधक और सचिव दोनों पदों के लिए किया है। जिनके बहनोई कौशलेन्द्र विगत 18 वर्षों से इसी पद पर थे। साथ ही पद पर रहते हुए उनका देहांत हो गया। जिससे ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अनुकम्पा के आधार पर यह नियुक्ति की है। वहीं विभागीय संचिका में अंकित है कि इस पद की नियुक्ति के लिए 17 उम्मीदवारों ने आवेदन दिया था। जिसमें कतिपय सरकारी व्यक्ति भी शामिल थे। संचिका पर नीचे से उपर तक विभाग के अधिकारियों ने टिप्पणी लिखा है कि इस पद पर किसी सरकारी व्यक्ति की नियुक्ति की जाय। परन्तु स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अधिकारियों के मंतव्य की अवहेलना करते हुए संदिग्ध योग्यता वाले राहुल कुमार को बहाल कर दिया। जिन 17 व्यक्तियों ने इस पद के लिए आवेदन किया था, उनमें इस विषय के स्नातकोत्तर और पीएचडी धारक भी शामिल हैं। परन्तु मंत्री ने इनमें से किसी योग्य को नहीं नियुक्त कर एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया है, जिसकी योग्यता संदिग्ध है।विधायक सरयू राय ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने चुनावी फंड एकत्र करने के लिए यह कार्य किया है और मुझे पता है कि कितनी राशि का भुगतान हो गया है और कितनी राशि का भुगतान शेष है। यह राज्य का दुर्भाग्य है कि एक ऐसा व्यक्ति स्वास्थ्य मंत्री है जिनके उपर घपला-घोटाला के आधे दर्जन आरोप वे स्वयं लगा चुके हैं। राज्य के अस्पतालों में उपयोग के लिए उच्च श्रेणी के उपकरणों की खरीद पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने रोक लगा दिया है। ये सभी उपकरण जेम्स पोर्टल से खरीदे जाएं और इसका निर्णय विभाग ने लिया है। इनकी आपूर्ति के लिए आदेश भी दे दिया है। चूंकि जेम्स पोर्टल से खरीद होने पर किसी को कमीशन नहीं मिलता है। इसलिए मंत्री के दबाव में इनकी खरीद एवं आपूर्ति रोक दी गई है। इनकी खरीद विभाग के मंत्री विभागीय स्तर पर करना चाहते हैं। ऐसे ही कई अन्य आरोप उन्होंने लगाया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन किया है कि उपर्युक्त अनियमित नियुक्ति की जांच कर उन्हें खारिज करना चाहिए।

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