जमशेदपुर : टाटा पावर और दामोदर वैली कॉरपोरेशन के संयुक्त उद्यम मैथन पावर लिमिटेड को रिएक्टिव पावर के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिए ईस्टर्न रीजन लोड डिस्पैच सेंटर कोलकाता की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। वहीं यह 30 नवंबर को ईआरएलडीसी द्वारा यह जारी की गई थी और जो भारत के पूर्वी क्षेत्र में बिजली प्रणाली के इंटीग्रेटेड ऑपरेशन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। वहीं ग्रिड में वोल्टेज स्थिरता और बिजली की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए रिएक्टिव पावर आवश्यक है। भारतीय ऊर्जा प्रणाली में सौर और पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के बढ़ते एकीकरण के संदर्भ में रिएक्टिव ऊर्जा प्रबंधन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इसको प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर एमपीएल न केवल वोल्टेज विनियमन में ईआरएलडीसी का समर्थन करता है। बल्कि विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदान कर अपने ग्राहकों को संतुष्ट भी करता है। यह प्रशंसा कई मापदंडों पर आधारित थी। जिसमें मैथन प्लांट द्वारा रिएक्टिव पावर जनरेशन, एब्सॉर्प्शन व एक्सचेंज, प्लांट बस में वोल्टेज प्रोफाइल, प्लांट टर्मिनलों पर पावर फैक्टर समेत ईआरएलडीसी के निर्देशों और ग्रिड कोड की अनुपालना करना शामिल है।
वहीं 1050 मेगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ टाटा पावर का मैथन प्लांट भारत का पहला पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) आधारित सबक्रिटिकल तकनीक का उपयोग करने वाला थर्मल पावर प्लांट है। जिससे चार राज्यों नई दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल और केरल को बिजली की आपूर्ति की जाती है।