एनपीयू की परीक्षा विभाग की निगरानी में जांच हो : कुणाल

 

मेदिनीनगर: अखिल पलामू छात्र संघ (आपसू ) का एक प्रतिनिधिमंडल जिला उपाध्यक्ष कुणाल किशोर के नेतृत्व में नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय, मेदिनीनगर के कुलसचिव प्रो. एस के मिश्रा से मिला और पांच सुत्री मांग पत्र सौप एक सप्ताह में साकारात्मक पहल एंव कारवाई की मांग की अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी । आपसू उपाध्यक्ष श्री कुणाल किशोर ने बताया की परीक्षा विभाग की लापरवाही और अजिबो गरीब निर्णय की वजह से विद्यार्थी परेशान हैं और एनपीयू से भरोसा उठता जा रहा है।जिसका परिणाम है की अंगिभूत महाविद्यालयों में सीटों में कटौती करने के बाद भी तीन मेरिट लिस्ट निकालना पड़ रहा फिर नामांकन नहीं हो पा रहा । छात्रा प्रमुख शालिनी अग्रवाल ने कहा की परीक्षा परिणाम देने के समय में 4 माह बाद परीक्षा रद्द करना, लगातार प्रवेश पत्र में त्रुटि, प्रश्न पत्र में त्रुटि संदेहास्पद है इन सब मामलों की जांच की अनुशंसा विश्वविद्यालय प्रबंधन करें आपसू भी इसे संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा कर निगरानी जांच की मांग करेगी । मौके पर जीएलए कॉलेज आपसू अध्यक्ष साहिल गुप्ता ने मांग की कि लगातार परीक्षाओं के कारण कक्षाएं बाधित हो रही कक्षा संचालित हो सके इसके लिए प्रबंधन को प्रयास करना होगा।

आपसू की मांगे:

1. जीएलए कॉलेज में अर्थशास्त्र और केमेस्ट्री विषय में प्राध्यापक नहीं होने के चलते कक्षाएं बाधित है तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

2.नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के अंतर्गत होंने वाली परीक्षाओं के कारण लगातार कक्षाएं बाधित रहती है आगामी परीक्षाओं से अंगिभूत महाविद्यालयों को दूर रखा जाए।

3.कई महाविद्यालयों के प्राध्यापक लगातार महाविद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं या महाविद्यालय के समय सारणी से उपलब्ध नहीं रहते उन पर कार्रवाई हो।

4. सत्र 2021-24(सेमेस्टर -04) की परीक्षा जो फरवरी -मार्च में आयोजित की गई थी के दो पत्र जुन में रद्द किए गए और 13 जुलाई को आयोजित की गई चुकीं महाविद्यालय में कक्षाएं संचालित नहीं हो रही और परीक्षा अवधी में धारा 144 होती है बहुत विद्यार्थियों का परीक्षा छुट गया और यह सब की जवाबदेही विवि प्रबंधन की है जो पहले गलत प्रश्नपत्र छपवाती है और चार माह बाद परीक्षा रद्द कर दी जाती है । अतः फरवरी – मार्च में हुए परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों का कॉपी मुल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित हो विवि की ग़लती का खामियाजा विद्यार्थियों को न भुगतना पड़े।

5.एनपीयू की परीक्षा लगातार स्थगित या कैंसल हो रहे यह किसे लाभ (वित्तीय/अवित्तिय) पहुंचाने के लिए किया जा रहा इसकी जांच की अनुशंसा निगरानी से की जाए क्योंकि चार माह बाद परीक्षा रद्द करना संदेहास्पद प्रतीत होता है।मौके पर जुही यादव, खुशी कुमारी, शिवानी कुमारी, शालिनी कुमारी , साहिल, अभिषेक, मनीष, आयुष, स्वास्तिक सिन्हा,रोहीत गुप्ता समेत दर्जनों प्रतिनिधि मौजूद थे।

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