बिचौलिये खेतों में जाकर 16 रुपए व निजी धान केंद्र में 18 किलो खरीद रहे हैं धान
संजय सागर
बड़कागांव : झारखंड का धान का कटोरा कहा जाने वाला हजारीबाग के बड़कागांव में धान क्रय केंद्र नहीं खुला है. धान क्रय केंद्र के नहीं खुलने से किसान औने-पौने दाम में अपने धान बेचने को मजबूर हैं. आलम यह है कि बिचौलिये किसानों के धान को औने- पौने मूल्य पर खरीदकर उनकी बेबसी का फायदा उठा रहे हैं.
बिचौलिये-साहूकार बेफिक्र होकर बिना डर के धान क्रय केंद्र लिखकर धान को किसानों से 16 से 18 रुपये प्रति किलो खरीद रहे हैं. बिचौलिए एवं साहूकारों द्वारा धान ट्रकों के जरिए हजारीबाग के डेमोटांड़ और रांची के राइस मिल में भेजने का काम किया जाता है, जिसके कारण यहां के किसान खुद को ठगा महसूस करते हैं.
16से 18 रुपये प्रति किलो धान बेचने को मजबूर हैं किसान
क्षेत्र के किसान सोमारी देवी, विशेश्वर राम, भुनेश्वर महतो ने बताया कि धान केंद्र केंद्र नहीं खुलने से किसान बिचौलियों के पास 16 से 18 रुपये प्रति किलो धान बेचने को मजबूर हैं. वहीं सीकरी निवासी रामजीत ठाकुर, गोविंद महतो ने बताया कि बिचौलिया वर्ग के पास 18 रुपये प्रति किलो धान बेचना पड़ा. इन किसानों का कहना कि अगर धान क्रय केंद्र बड़कागांव में खुल जाता, तो इतने कम दाम में हम धान बेचने को मजबूर नहीं होते. जबकि झारखंड सरकार के कैबिनेट द्वारा फैसला लिया गया है कि 23 रूपये प्रति किलो की दर से धान खरीद सरकार करेगी.
कहां-कहां है निजी धान क्रय केंद्र
बड़कागांव प्रखंड में दर्जनों निजी धान क्रय केंद्र खुल गया है. अधिकांश धान क्रय केंद्रों का रजिस्ट्रेशन नहीं है. इस कारण सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है. बड़कागांव-हजारीबाग रोड स्थित छोटका बर के पास, नॉउवाटांड़, नटराज नगर, कांडतरी, महुगायी, बादम, हरली, आंगो, तलसवार, नापोकलां, नयाटांड़, सांढ़, विश्रामपुर आदि गांवों में बिचौलिया वर्ग धान निजी क्रय केंद्र खुला है.
क्या कहना है प्रखंड कृषि पदाधिकारी का
प्रखंड कृषि पदाधिकारी रवि रंजन ने बताया कि 13 दिसंबर को इस संबंध में हजारीबाग में उपायुक्त द्वारा बैठक की गई है. जिसमें से निर्णय लिया गया है कि बड़कागांव में 10 धान कर केंद्र खुलेगा. उम्मीद है एक सप्ताह के अंदर धान क्रय केंद्र खोला जाएगा.