पुर्व मुख्यमंत्रियों के आपसी लड़ाई-झगडे़ की भेंट चढ़ा ढिबरा का व्यवसाय- रामकुमार राऊत

ढिबरा बंद होने से लाखों लोग हुए प्रभावित, बेरोजगारी में हुई ऐतिहासिक वृद्धि और लोग पलायन को हुए विवश

गिरिडीह:- जिला परिषद सदस्य तिसरी भाग संख्या- 4 रामकुमार राऊत ने तिसरी, गांवा एवं देवरी में ढिबरा कारोबार के बंद होने के लिए पुर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जिम्मेदार ठहराया है। उनके अनुसार तिसरी एवं गांवा प्रखंड का लाइफलाइन कहा जाने वाला ढिबरा कारोबार राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी एवं पुर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बीच के मनमुटाव और उनके आपसी लड़ाई-झगड़े की भेंट चढ़ कर पूरी तरह से बंद हो गया।

कहा कि तीन प्रखंड के लाखों लोग जो वर्षों से इस कारोबार से जुड़ कर अपनी आजीविका चला रहे थे आज उनके सामने जबरदस्त भुखमरी की स्थिति है। हज़ारों लोग पलायन कर चुके हैं। सैंकड़ों के घरों में चूल्हा तक नहीं जल रहा है। कोई उनकी समस्या को देखने और सुनने वाला नहीं है। तथाकथित लोगों के आपसी वर्चस्व एवं दबदबे की लालसा ने सैंकड़ों परिवारों का जीवन बर्बाद कर के रख दिया है।

कहा कि कभी तिसरी और गावां राज्य का अभ्रक राजधानी कहलाते थे लेकिन आज यह बेरोजगारों एवं मजदूरों की धरती बन चुकी है।‌ इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

कहा कि हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के तिसरी आगमन से यहां के लोगों में ढिबरा कारोबार के पुनः शुरू होने की आस जगी थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कहा कि राज्य सरकार को यहां के हजारों लोगों के वर्तमान एवं भविष्य की चिंता करते हुए ढिबरा कारोबार को अविलंब शुरू करवाना चाहिए । इससे इस क्षेत्र की खोई हुई रौनक पुनः वापस आएगी और हजारों बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलेगा।

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