कतरास में झमाडा ने शुरू की जलापूर्ति पाइपलाइन के मरम्मत

जगह-जगह गड्ढा खोदकर लीकेज को किया ठीक, अब गंदे और बदबूदार पानी से मिलेगी राहत

14 इंच के पाइप लाइन को आगे बढ़ाने से मिल सकती है राहत

धनबाद : कतरास शहर में झमाडा की और से की जा रही जलापूर्ति व्यवस्था में 9 इंची की पाइप लाइन से उपभोक्ताओं को पहले नाली का गंदा और बदबूदार पानी मिल रहा था. इस बात को मीडिया में प्रमुखता से उठाने के पश्चात झमाडा ने इस पर काफी गंभीरता दिखाते हुए युद्ध स्तर पर पाइपलाइन का मरम्मति का कार्य चल रहा हैं. झमाडा के एसडीओ कौशलेश यादव के निर्देश पर माडा कर्मी पाइप की मरम्मति कार्य में लग गए. कर्मियों ने नदीकिनारे रामधनी चाट दुकान के पास गड्डा खोदा जहाँ उन्हें 3 लिकेज मिला उसके बाद रानीसती मंदिर के समीप 8 लिकेज मिला जिसे बंद किया गया. इन्हीं लीकेज पाइप के कारण नाली का गंदा पानी पाइप लाइन में घुस जाता था. इसके अलावे 24 इंची के पाइप लाइन में भी 2 जगहों पर लीकेज मिला जिसे बंद किया गया. इस कार्य में मिस्त्री अहमद हुसैन के अलावे 4 कर्मी लगे हुए हैं.

 नालियों में गंदगी के कारण पाइपलाइन के कार्य में हो रही थी परेशानी

रानी सती दादी मंदिर के समीप नालियों की सफाई नहीं किए जाने के कारण झमाडा कर्मियों को कार्य करने में काफी परेशानी हो रही थी नाली का गंदा पानी सीधे पाइपलाइन के पास आ जा रहा था जिसे हटाने में काफी दिक्कत हो रही थी. इसके बाद कर्मियों ने आगे काम करना छोड़ दिया. उन्होंने बताया कि जब तक नाली साफ नहीं हो जाती तब तक पाइपलाइन का मरम्मती कार्य नहीं हो पाएगा.

 तोपचांची झील ही कतरास वासियो की बुझाता है प्यास

कतरास वासियो का प्यास बुझाने का एकमात्र सहारा तोपचांची झील हैं जो 106 साल से यहाँ के लोगों की प्यास बुझा रही है. इस व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए अब तक न तो जनप्रतिनिधि और न ही नगर निगम व झमाडा ने इस पर पहल किया है. आज यदि तोपचांची झील का पानी सूख जाता है तो पूरे कतरास के लोग प्यासे रहेंगे. उनके पास कोई ऑप्शन नहीं है. आज 106 साल इस व्यवस्था को बीतने को है लेकिन अभी तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई.

 पाइप पुरानी होने के कारण हो रही है परेशानी

बताते चले की 9 इंची की पाइप काफी पुराना है. सप्लाई पाइप कहीं गंदगी से जाम नालियों के ऊपर तो कही नालियों के भीतर से पाइपलाइन गुजरी है. जिसके कारण जलापूर्ति शुरू होते 10 से 15 मिनट गंदा पानी नलों से निकलता है.करीब ढाई सौ घर के लोग इस संकट को झेल रहे हैं. थे जिसमें कपड़ा पट्टी, गद्दी मुहल्ला, गड़ीवान पट्टी, प्रदर्शनी पथ, मेन रोड, स्टेशन रोड बंगाली पाडा के उपभोक्ता शामिल है. लोगों ने बताया कि काफी पुरानी पाइपलाइन होने की वजह से पाइप कई जगह पर जर्जर हो गए उसमें नालियों का गंदा पानी प्रवेश कर रहा है इसलिए शुरुआत में गंदा पानी मिलता है. प्रेशर कम होने की वजह से लोगों के घर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा. इसलिए पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. जब से गंदा पानी पाइप लाइन में आने लगा तब से पानी खरीद कर पिया जा रहा है. लोगों का कहना था जब तक पुरानी पाइप को बदली नहीं की जायेगी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं होगा. 14 इंच का पाइपलाइन नदी किनारे पुल तक आया हुआ है उस पाइपलाइन को आगे बढ़ा दिया जाए तो आगे की समस्या भी खत्म हो सकती है.

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