अधिवक्ता गजेन्द्र के आरटीआई सार्वजनिक होने का दिखा असर 

कतरास: अधिवक्ता गजेन्द्र के आरटीआई सार्वजनिक होने से गुहीबाँध के पास अवैध वसूली करने वालों में हड़कंप मच गया। क्योंकि अधिवक्ता द्वारा ये पूछा गया था की टेण्डर का लाइसेन्स किस स्थान पर टोल टैक्स वसूली के लिए दिया गया हैं. जिसके बाद आनन फ़ानन में वसूली करने वालों के द्वारा स्थान गुहीबाँध बस पड़ाव का रसीद में बदलाव कर वसूली किया जाने लगा। जबकि पूर्व में गुहीबाँध स्टैंड टोल टैक्स के नाम पर लिया जा रहा था। जिसका सूचना मिलने पर अधिवक्ता वहाँ अपने समर्थकों के साथ पहुँचे और लोगों को जागरुक करने लगे कि ये बीच रोड पर वसूली अवैध हैं तथा पत्रकार वार्ता में उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर प्रशासक के बिना मिली भगत से इतना बड़ा लूट जनता से सम्भव नही, क्योंकि रोड पर चलने के लिए सरकार दो तरह का टैक्स नही ले सकती हैं। अधिवक्ता गजेन्द्र ने आंदोलन को तेज करते हुए नगर प्रशासक का पुतला दहन करने का बात कहा और नगर भ्रमण कर सभी टोटो टेम्पो वालों को जागरुक करने की बात कही की कोई टोटो टेम्पो तभी टोल का पैसा दे जब वो अपना टोटो बस पड़ाव के अंदर खड़ा करे, ना कि रोड चलने पर टेक्स नहीं दें। मौक़े पर भाजपा के सूर्यदेव मिश्रा, बबलू मिश्रा, छोटू जी, जेएमएम के रितिक सिंह, उमेश, मुकेश गुप्ता, सोमनाथ, आजसु का मिथुन बाऊरी ,राजेश उरांव, रवि डोम, श्याम महतो, कांग्रेस से ब्रजेश पांडेय, प्रिंस एवं अन्य दलों के लोग मौजूद थे । सभी ने एक स्वर में इस जनहित के मुद्दे पर अपना खुला समर्थन किया और कहा कि हर हाल में ये गुंडा टैक्स बंद होना चाहिए ।

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