उपेंद्र कुमार
मेदिनीनगर : उमस भरी गर्मी ने पिछले कई दिनों से लोगों को बेहाल कर के रख दिया है। धूप की तपन और गर्म हवाओं के साथ उमस वाली गर्मी से लोग परेशान हैं। इस उमस भरी गर्मी से बच्चों, बुजुर्गों सहित युवाओं का भी बुरा हाल है। धूप में घर से बाहर लोग कपड़े से मुंह ढंक कर व छाता लेकर निकल रहे हैं। गर्मी से बचने के लिए हर एक चौक चौराहे पर लोग खड़े होकर नींबू का शिकंजी,शरबत, खीरा आदि ठंडे पेय पदार्थ ले रहे हैं। लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं। गर्मी इतनी तेज है की इसके आगे पंखा,कूलर व वातानुकूलित उपकरण भी फेल हो जा रहे हैं। भीषण गर्मी का असर बाजार,स्टेशन,सड़क से लेकर कार्यालय तक में हावी है। सुबह से ही आसमान से आग बरसने शुरू हो जा रहे हैं।
जैसे-जैसे दिन चढ़ता जा रहा है गर्मी का प्रकोप भी उसी अंदाज में बढ़ता जा रहा है। सबसे दिक्कत बच्चों और वृद्ध लोगों को हो रही है। लोगों का कहना है कि मानसून की उम्मीद में एक-एक दिन जैसे तैसे कट रहा है।चिलचिलाती धूप से जहां लोगों को काफी कष्ट हो रहा है। वही फसलें भी मुरझाने लगे हैं।तेज धूप से जमीन की नमी गायब हो गई है। किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए सिचाई करना पड़ रहा है। जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च का बोझ वहन करना पड़ रहा है। बारिश के नहीं होने से फसलें भी प्रभावित हो रही है। किसान सब्जी व गन्ने की खेत में पंपसेट से पानी पटा रहे हैं। जिससे कि फसलो को झुलसने से बचाया जा सके।इस भीषण गर्मी में बिजली भी लोगों की परीक्षा ले रही है। बिजली के बीच बीच मे छोटे कट आग में घी का काम कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो और ही स्थिति बदतर है।ऐसी स्थिति में इस भीषण गर्मी में लोगों की दिनचर्या ही बदल गई है।
लोगों का कहना है कि प्रकृति के आगे तो सभी मजबूर हैं। लेकिन विभाग को बीच बीच में विद्युत आपूर्ति कट पर रोक लगाना चाहिए।बिजली की निर्बाध आपूर्ति से बहुत हद तक गर्मी से राहत दे सकती है। जिले में बिजली की स्थिति यह है हल्की आंधी-पानी भी अगर आ जाए तो कई घंटों तक लोगो के घरों की बिजली गायब रहती है।