कहा देश में बने मुस्लिम सेफ्टी एक्ट का कानून
हमारे नबी पर गलत बयान बाजी करने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो: मौलाना गुलाम रसूल बल्यावी
शादियों में फिजूल खर्ची और महंगी निकाह को बंद किया जाए: मौलाना कुतुबुद्दिन रिजवी
— इंकलाबी और ऐतिहासिक कांफ्रेंस में लगभग 500 ओलमा -ए- कराम हुए शामिल
हजारीबाग। एदार-ए-शरिया के तत्वाधान में हजारीबाग शहर के जिला स्कूल मैदान में तहरीक -ए- बेदारी व इस्लाह-ए- मुअवशरा कॉन्फ्रेंस का भव्य आयोजन सोमवार को आयोजित किया गया। जिससे बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मेंबर ऑफ पार्लियामेंट सह एदार-ए-शरिया पटना के सदर गुलाम रसूल बलियावी शरीक हुए। कॉन्फ्रेंस में बतौर विशिष्ट अतिथि मुफ्ती समसुद्दीन, मुफ्ती अब्दुल कलीम एवं एदार-ए-शरिया झारखंड के नाजिम -ए- आला मौलाना कुतुबुद्दिन रिजवी शरीक हुए।
साथ ही इस इंकलाब और ऐतिहासिक कॉन्फ्रेंस में लगभग 500 ओलमा -ए- कराम हजारीबाग जिला व अन्य जिले से शामिल हुए।
तहरीक -ए-बेदारी व इस्लाह-ए-मुआसरा कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मेंबर ऑफ़ पार्लियामेंट सह एदार-ए-शरिया पटना के सदर गुलाम रसूल बल्यावी ने संबोधित करते हुए कहा कि नामुस -ए- रिसालत (नबी की इज्जत) और अपने कौम व मिल्लत की इस्लाह और तालिमी बेदारी को लेकर इस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है जिसका सिर्फ एक ही मकसद है कि अब हमें अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए आगे आना होगा। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आदिवासी एक्ट व दलित एक्ट की तरह मुस्लिम सेफ्टी एक्ट बने, नामुस -ए- रिसालत (नबी की इज्ज़त) के खिलाफ बयान बाजी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए। साथ ही देश में बढ़ते हुए मॉबलिंचिंग को बंद करने के लिए भी कानून बने। कहा कि हमारे नबी पर गलत बयान बाजी करने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो। उन्होंने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि झारखंड में मॉबलिंचिंग चरम सीमा पर है हमारे बच्चों के उपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। झारखंड सरकार मॉबलिंचिंग को लेकर असंवेदनशीलता के साथ गहरी नींद में सोई हुई है। उन्होंने बिहार सरकार के उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि बिहार में बीपीएससी में 855 बच्चों ने सफलता पाई जिसमें हमारी मुस्लिम कौम के 55 बच्चों ने कामयाबी हासिल किया है।
मुफ्ती आजम -ए- हिंद के खलीफा मुफ्ती समशुद्दीन ने खिताब फरमाते हुए कहा कि
हमारे मुल्क में जो नफरत का माहौल बनाया जा रहा है उसे खत्म करने के मकसद से इस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है। आज इस कांफ्रेंस के माध्यम से हम अपनी मांग हुकूमत के सामने रख रहे हैं।
एदार-ए-शरिया के नाजिम -ए- आला मौलाना कुतुबुद्दिन रिजवी ने दहेज प्रथा को लेकर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि आज हमारी कौम और मिल्लत के लोगों ने शादियों में फिजूल खर्ची और निकाह को महंगा बना दिया है। जिसमें गरीबों की भूमिका कम नजर आती है वहीं उन्होंने इसके लिए अमीरों को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि महंगा निकाह के पीछे अमीरों की कोठी से निकली है दहेज की कुरीतियां। उन्होंने दहेज जैसी समाजिक कुरितियां के अलावे शादी एवं अन्य पार्टियों में डीजे, बाजा, नाच, तिलक व नकदी को बंद करने के लिए सभी से अपील करते हुए कहा कि हमें इन सभी समाजिक कुरितियों को बंद करना चाहिए। उन्होंने मौजूद सभी लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि यह सिर्फ हम उलमा -ए- कराम की ही नहीं बल्कि पूरे कौम व मिलत की अहम जिम्मेदारी है।
सभी वक्ताओं के द्वारा अपने-अपने विचार रखते हुए
समाज में फैले हुए बुराइयों को फैलने से रोका जाए इस पर अपनी विचारों को व्यक्त करते हुए इंसानियत के फर्ज को अंजाम देते हुए तालीमी बेदारी व इस्लाह-ए- मुअवशरा के लिए सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। साथ ही हुकूमत से अपने हक और अधिकारों की मांग के लिए एक मांग पत्र सौंपा जाएगा इसको लेकर सभी ने हामी भरी। इस कांफ्रेंस का संचालन मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी व एदार-ए-शरिया हजारीबाग के सेक्रेटरी मौलाना इकबाल दानिश ने किया।
इस कांफ्रेंस में संबोधित करने वालों में मुफ्ती शमसुद्दीन, गुलाम रसूल बल्यावी, मौलाना नोमान अख्तर, प्रोफेसर डॉ रिजवान अहमद, कारी मोहम्मद निसार, मुफ्ती गुलाम हुसैन, मौलाना सैयद कामरान, मुफ्ती अब्दुल जलील सादी मुख्य रूप से दिलकश इलाहाबादी, कारी अरशद इकबाल, अधिवक्ता एहसान अहमद, मुफ्ती अनवर निजामी, मुफ्ती मोहिब रजा, मुफ्ती गुलाम हुसैन शकाफी, मौलाना फैयकुल जमाली शामिल थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से खतीब व इमाम जामा मस्जिद हजारीबाग सह एदार-ए-शरिया के मुफ्ती अब्दुल जलील कादरी, मौलाना सैयद कामरान हसीब, हाफिज दानिश इकबाल, शकील बिहारी, साबिर अली उर्फ बब्लू ने अहम भूमिका निभाई। इस मौके पर मोहम्मद सालिक रजा, मोहम्मद शाहरुख, दानिश अहमद, मोहम्मद फैज, सरफराज अहमद, कमाल कुरैशी, मोहम्मद तस्लीम अंसारी, मोहम्मद रिजवान, तनवीर अहमद, एजाज आलम, फैजल खान सहित हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद थे।