टाटा स्टील और इंपीरियल कॉलेज लंदन ने डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

जमशेदपुर : टाटा स्टील ने लंदन में डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग में सेंटर फॉर इनोवेशन स्थापित करने के लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह केंद्र रणनीतिक क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी विकास व उपयोगिता में तेजी लाने, प्रतिभा को आकर्षित करने और उद्योग-अकादमिक सहयोगात्मक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में सक्षम बनाएगा। इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए टाटा स्टील केंद्र में चार वर्षों में 10 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी। वहीं केंद्र शुरू में चार प्राथमिक विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा। जिसमें भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए मैन्युफैक्चरिंग, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, सस्टेनेबल मल्टी मैटेरियल ज्वाइनिंग प्रौद्योगिकियां और नेट-जीरो निर्माण प्रौद्योगिकियां शामिल है। यह केंद्र मैटेरियल निर्माण पर काम करेगा। जिसमें कम सीओ 2, कम ऊर्जा और कम लागत वाले फुटप्रिंट के साथ डाउनस्ट्रीम प्रक्रियाओं के डिजाइन और विकास को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य कंपोनेंट्स को बनाने के लिए प्रक्रियाओं के डिजाइन के माध्यम से सस्टेनेबिलिटी के साथ मल्टी-मैटेरियल समाधानों के लिए इंपीरियल की इंजीनियरिंग और डिजाइन पार्टनर इको सिस्टम का सामूहिक रूप से लाभ उठाना है। इस दौरान टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि सेंटर फॉर इनोवेशन तकनीकी उन्नति और रणनीतिक लाभ पैदा करने के लिए मजबूत उद्योग अकादमिक साझेदारी बनाने के टाटा स्टील के बड़े प्रयास का एक हिस्सा है। इंपीरियल का केंद्र उत्कृष्ट प्रतिभा पूल के साथ एक मजबूत शैक्षणिक और अनुसंधान मंच प्रदान करता है। हमारा लक्ष्य हरित भविष्य के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधान बनाने के लिए उद्योग के अनुभव के साथ-साथ अनुसंधान उत्कृष्टता का समन्वय करना है। यह पहल एक ज्ञान-प्रधान संगठन बनाने के लिए टाटा स्टील की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसी तरह टाटा स्टील के प्रौद्योगिकी और टेक्नोलॉजी एंड आर एंड डी के वाइस प्रेसिडेंट डॉ देबाशीष भट्टाचार्जी ने कहा कि इंपीरियल का यह केंद्र सस्टेनेबल समाधानों के डिजाइन और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। सस्टेनिबिलिटी के बारे में बाद में नहीं सोचा जा सकता है। बल्कि इसे उत्पादन प्रक्रिया और सामग्री डिजाइन में शामिल करने की आवश्यकता है। टाटा स्टील सक्रिय सहयोग के माध्यम से विघटनकारी प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही प्रौद्योगिकी नेतृत्व और सस्टेनेबल कारोबार विकास की दिशा में यात्रा पर इंपीरियल जैसे प्रशंसित शैक्षणिक संस्थान के साथ जुड़ने के लिए वे उत्सुक भी है।जबकि इंपीरियल कॉलेज लंदन में वाइस-प्रोवोस्ट सह सेंटर की गवर्निंग काउंसिल की सह-अध्यक्ष प्रोफेसर मैरी रयान ने कहा कि इंपीरियल और टाटा स्टील की संयुक्त विशेषज्ञता के आधार पर यह नया केंद्र पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए काम करेगा। इस्पात उत्पादन के साथ साथ इस्पात का उपयोग करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में जैसे स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में शून्य-प्रदूषण युक्त भविष्य बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम औद्योगिक प्रणालियों के व्यवस्थित परिवर्तन को प्राथमिकता दें। ऐसा कर नया केंद्र यूके और दुनिया भर में एक उच्च तकनीक और आर्थिक रूप से सफल इस्पात उद्योग के निर्माण में योगदान देगा। बताते चलें कि इंपीरियल कॉलेज लंदन विश्व स्तरीय प्रतिष्ठा के साथ वैश्विक शीर्ष दस विश्वविद्यालयों में से एक है। इसके 22 हजार छात्र और 8 हजार कर्मचारी विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और व्यवसाय में सबसे बड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए काम कर रहे हैं। वहीं इंपीरियल 2024 क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में छठे और 2024 टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में आठवें स्थान पर है। 2021 रिसर्च एक्सीलेंस फ्रेमवर्क ने पाया कि इसमें यूके के किसी भी अन्य विश्वविद्यालय की तुलना में विश्व-अग्रणी अनुसंधान का अनुपात अधिक है। इसे 2023 टीचिंग एक्सीलेंस फ्रेमवर्क में गोल्ड अवार्ड भी मिला है। डेली मेल यूनिवर्सिटी गाइड 2024 में इंपीरियल को यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर नामित किया गया था। जबकि द टाइम्स और संडे टाइम्स गुड यूनिवर्सिटी गाइड 2024 में ग्रेजुएट रोजगार के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर नामित किया गया था। इसे कोविड -19 प्रतिक्रिया के लिए क्वीन्स एनिवर्सरी पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।

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