टाटा स्टील फाउंडेशन ने गुमला में किफायती स्वास्थ्य सुविधाओं को बनाया सक्षम

जमशेदपुर : दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में नवीनतम स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू करने के अपने निरंतर प्रयासों में टाटा स्टील फाउंडेशन ने हाल ही में झारखंड के गुमला जिले के अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की है। साथ ही जिला प्रशासन और टाटा स्टील फाउंडेशन के बीच सहयोग से जिला अस्पताल में पहली बार सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। जबकि पहले लोगों को सस्ती दरों पर सीटी स्कैन कराने के लिए रांची जाना पड़ता था। वहीं सदर अस्पताल गुमला में सीटी स्कैन मशीन का उद्घाटन 15 मार्च विधायक भूषण तिर्की ने किया। इस दौरान डीसी कर्ण सत्यार्थी और अनुज भटनागर, हेड, पब्लिक हेल्थ टाटा स्टील फाउंडेशन भी उपस्थित रहे। सीटी स्कैन मशीन की स्थापना विशेष रूप से महत्वपूर्ण उपलब्धि है। क्योंकि यह पूरे जिले में अपनी तरह की पहली मशीन है। यह उन्नत उपकरण नैदानिक क्षमताओं को बढ़ाएगा। जिससे स्थानीय आबादी के लिए तेज और सटीक निदान संभव हो सकेगा। मरीजों को अब सीटी स्कैन के लिए लंबी दूरी तय करने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि यह सुविधा अब स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है। यह पूरे झारखंड में नवोन्मेषी स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने में टाटा स्टील फाउंडेशन के प्रयासों से जुड़ा है। जहां मानसी (मातृ एवं नवजात जीवन रक्षा पहल) के तहत नामांकित गर्भवती माताओं और नवजात शिशुओं की मदद के लिए तीन नए प्रसूति प्रतीक्षालय (प्रसव-प्रतीक्षा गृह) का उद्घाटन भी किया गया है। इस अवसर पर डॉ भटनागर ने कहा कि राज्य भर के अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग ने हमें झारखंड के सुदूर कोनों तक नवाचार को ले जाने में मदद की है। हमारा कार्यान्वयन गुमला जैसे आकांक्षी जिले में चुनौतियों का समाधान करने के लिए हमारी आंतरिक टीमों द्वारा किए गए बेसलाइन सर्वेक्षण के परिणाम पर आधारित है। इस तरह के सहयोग से हमें ग्रामीण इलाकों से उभरने वाली जरूरतों को समझने में मदद मिलती है कि हम उन्हें संबोधित करने के लिए क्या कर सकते हैं। नई सीटी स्कैन मशीन फिक्स्ड और पोर्टेबल एक्स-रे मशीनों के साथ न केवल रोगी की देखभाल में सुधार करेगी। बल्कि जटिल चिकित्सा मामलों को हैंडल करने के लिए अस्पताल की क्षमता को भी बढ़ाएगी। फाउंडेशन के योगदान से गुमला जिले के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य पर स्थायी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। जिससे 12 ब्लॉकों में रहने वाले लगभग 12 लाख निवासियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित होंगे।

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