टाटा स्टील ने 10 वें वार्षिक स्टील-ए-थॉन बिजनेस चैलेंज के विजेताओं की घोषणा

  • – देश भर के 28 प्रमुख बी-स्कूलों के 12000 से अधिक छात्रों की रही भागीदारी

जमशेदपुर : टाटा स्टील ने अपने प्रमुख वार्षिक बिजनेस चैलेंज, स्टील-ए-थॉन के 10 वें संस्करण के विजेताओं की घोषणा की। भारत के प्रमुख बी-स्कूलों के लिए डिजाइन की गई प्रतियोगिता छात्रों को टाटा स्टील के वरिष्ठ नेतृत्व और प्रबंधन से मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए वास्तविक जीवन की व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। इस दौरान आईआईएम काशीपुर की टीम स्टीलर्स स्टील-ए-थॉन सीजन एक्स के चैंपियन (ओवरऑल सीजन विजेता) के रूप में उभरी।

आईआईएम काशीपुर की टीम स्टीलर्स विजेता के रूप में उभरी। वहीं आईआईएम रायपुर की टीम क्योटो ने बिजनेस ट्रैक में उपविजेता का स्थान हासिल किया। वैल्यू चेन ट्रैक में एक्सआईएम भुवनेश्वर की टीम अलॉयमोरा विजेता बनकर उभरी और आईआईएफटी की टीम वूल्वरिन ने उपविजेता का स्थान हासिल किया। आईआईएम रांची की टीम द क्रोज विजेता बनकर उभरी और एक्सआईएम भुवनेश्वर की टीम ड्रीम स्टीलर्स ने पीपल ट्रैक में उपविजेता का स्थान हासिल किया। स्टील-ए-थॉन कार्यक्रम जो अब अपने 10 वें वर्ष में है, को देश भर के 28 प्रसिद्ध बी-स्कूलों के 12000 से अधिक छात्रों की भागीदारी के साथ जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। इस वर्ष भाग लेने वाली टीमों को तीन अलग-अलग ट्रैक प्रस्तुत किए गए। जिनमें से प्रत्येक महत्वपूर्ण व्यावसायिक विषयों पर केंद्रित था। जिसके तहत बिजनेस ट्रैक में विकास आकांक्षाओं के लिए एक्सप्लोर न्यू फ्रंटियर्स, वैल्यू चेन ट्रैक में सस्टेनेबल वैल्यू चेन के लिए एक्सेल फॉर द प्लैनेट और पीपल मैनेजमेंट ट्रैक में एक्सपैंड योर होराइजंस फोर एम्प्लॉयी वेल बीइंग था।

वहीं टाटा स्टील ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की वाइस प्रेसिडेंट अत्रेयी सान्याल ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्टील-ए-थॉन ने लगातार हमारे देश के बी-स्कूलों में मौजूद उल्लेखनीय प्रतिभा और नवीन सोच का प्रदर्शन किया है। हम वास्तव में उनका उत्साह देखकर प्रसन्न हैं और ये छात्र हमारी वास्तविक दुनिया की व्यावसायिक चुनौतियों के लिए नए दृष्टिकोण लाते हैं। साथ ही उन्होंने सभी विजेताओं को बधाई भी दी। इसी तरह टाटा स्टील वाइस प्रेसिडेंट, ग्रुप स्ट्रैटेजिक प्रोक्योरमेंट एंड वन सप्लाई चेन पीयूष गुप्ता ने कहा जैसा कि हम स्टील-ए-थॉन के एक दशक का जश्न मना रहे हैं। हम इस बात पर विचार करते हैं कि इस तरह की प्रतिस्पर्धा ने देश के प्रमुख संस्थानों में कैसे जड़ें जमा ली हैं और छात्रों ने खुद को विकसित के साथ साथ प्रासंगिक विषयों में व्यस्त कर लिया है। हम कंपनियों के सामने साल-दर-साल आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए विकसित किए गए विचारों और समाधानों की गुणवत्ता से प्रभावित हुए हैं। यह भविष्य के प्रबंधकों के लिए अच्छा संकेत है। क्योंकि वे देश और उसके बाहर के व्यावसायिक परिदृश्य का पता लगाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। प्रतियोगिता की शुरुआत 1615 टीमों द्वारा प्री-फाइनल के लिए अपने एक्जीक्यूटिव समरीज प्रस्तुत करने के साथ हुआ।

कड़े मूल्यांकन के बाद 82 टीमें प्री-फाइनल राउंड में आगे बढ़ीं और अंततः केवल 16 टीमों ने बहुप्रतीक्षित फाइनल में अपना स्थान सुरक्षित किया।फाइनलिस्टों को एक प्रतिष्ठित जूरी के सामने अपने अभिनव बिजनेस केस समाधान पेश करने का अनूठा अवसर मिला। जिसका नेतृत्व टाटा स्टील वाइस प्रेसिडेंट पीयूष गुप्ता, अत्रेयी सान्याल और एस कार्तिक नारायणन, चीफ, मार्केटिंग एंड सेल्स (टिस्कॉन रिटेल) टाटा स्टील ने किया। इस वर्ष की प्रतियोगिता में प्रत्येक ट्रैक के लिए विजेता टीमों को पुरस्कार राशि में 2.50 लाख रुपए मिले। जबकि प्रथम उपविजेता को 1.50 लाख रुपए नकद पुरस्कार दिए गए। विजेता और उपविजेता दोनों टीमों को प्री-प्लेसमेंट ऑफर और प्रमाण पत्र से सम्मानित भी किया गया। सीजन एक्स के चैंपियन विजेता को पुरस्कार राशि में अतिरिक्त 1 लाख रुपए मिले। इसके अलावा नेशनल फाइनलिस्ट में से चुनिंदा छात्रों को प्री-प्लेसमेंट इंटरव्यू के अवसर प्राप्त हुए। जिससे टाटा स्टील के साथ संभावित कैरियर के अवसरों के द्वार खुल गए।

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