का़दरी को उमरा के सफ़र पर रवाना करने के लिए उमड़ा जनसैलाब

कहा तमाम अहले वतन और देश-दुनियां में अमन-चैन और खुशहाली के लिए करुंगा दुआ

मो.ओबैदुल्लाह शम्सी

गिरिडीह:- नज़र रौजा़-ए-मुस्तफा ढूंढ़ती है, दयारे हबीबे खु़दा ढूंढती है,

मुबारक हो तुम सबको हज का महीना, न थी मेरी किस्मत के देखुं मदीना,

मदीने वाले से मेरा सलाम कहना..

उपर्युक्त पंक्तियों के द्वारा एक आशिके रसूल के उस दर्द का अनुभव किया जा सकता है जिसमें वह हज या उमरा करने के लिए स्वयं तो मक्का और मदीना नहीं जा सका लेकिन वहां जाने वाले खुशनसीबों से यह आग्रह करता है कि वे वहां जाकर मदीने वाले (हज़रत मुहम्मद स.) से उनके तरफ से सलाम कहे।

ये तो बात हो गई एक ऐसे व्यक्ति की जो हज या उमरा करने मक्का और मदीना नहीं जा सका लेकिन लाखों -करोडो़ं ऐसे खुशनसीब हैं जो प्रत्येक वर्ष हज या उमरा करने के लिए मक्का और मदीना के सफर पर रवाना होते हैं।

इसी क्रम में आज दिनांक 6 दिसम्बर 2023 दिन बुधवार को अंजुमन अहले सुन्नत बिशनपुर के सदर मौलाना अखलाकुल का़दरी ‘चतुर्वेदी’, सरफराज़ मिर्ज़ा एवं अन्य कुछ लोग उमरा करने के लिए मक्का और मदीना के सफर पर जामा मस्जिद मोड़ बिशनपुर से रवाना हुए। मक्का और मदीना के मुसाफिरों को विदाई देने के लिए मौके पर लोगों की जबरदस्त भीड़ जुटी।

उमरा करने के लिए बिशनपुर से आज कुल 6 लोग रवाना हुए जिनमें 2 पुरुष एवं 4 महिलाएं शामिल हैं।

रवानगी से पहले मौलाना अखलाकुल का़दरी ‘चतुर्वेदी’ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मुझे उमरा करने का मौका मिल रहा है। वहां जाकर सब के लिए दुआ-ए-खैर करुंगा। देश और दुनियां में अमन-चैन और खुशहाली का़यम रहे इसके लिए भी खुदा से उसके मेहबूब की बारगाह में दुआ माॅंगुंगा।

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