विश्व आदिवासी दिवस पर सिदगोड़ा टाउन हॉल में आयोजित हुआ जिला स्तरीय कार्यक्रम

मंत्री बन्ना गुप्ता, डीसी व एसएसपी समेत अन्य भी हुए शामिल

 

जमशेदपुर : विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शुक्रवार सिदगोड़ा स्थित टाउन हॉल में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति व परंपरा की झलक देखने को मिली। वहीं दर्शकों से खचाखच भरे सभागार में आदिवासी परंपरा एवं संस्कृति को जीवंत करते कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ साथ डीसी अनन्य मित्तल, एसएसपी किशोर कौशल, आईटीडीए दीपांकर चौधरी, एएमसी मानगो नगर निगम रंजीत लोहरा, जिला कल्याण पदाधिकारी राजेन्द्र गुप्ता समेत अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन भी किया। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक नृत्य एवं वाद्य यंत्रों के साथ लोटा-पानी से किया गया। स्वागत संबोधन जिला कल्याण पदाधिकारी एवं विषय प्रवेश परियोजना निदेशक द्वारा किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ स्कूल स्तर पर आयोजित क्वीज, डांस, स्टोरी टेलिंग, पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, वन पट्टा, सर्वजन पेंशन, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, स्वयं सहायता समूह को क्रेडिट लिंकेज आदि योजना के 30 लाभुकों के बीच स्वीकृति पत्र एवं परिसंपत्ति का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति से जुड़े खान-पान के स्टॉल भी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहे। इसी तरह नुक्कड़ नाटक, संताली नृत्य, छऊ नृत्य, बाहा नृत्य पर स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति भी दी। जिसकी दर्शकों ने खूब सराहना भी की। वहीं मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि के क्षेत्र में प्रगति के पथ पर अग्रसर होना है। इन्हीं विकासशील कार्यों के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। आदिवासी संस्कृति को विश्व भर में पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। राज्य स्तरीय दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव इसी कड़ी में एक प्रयास है और जहां देश के अलग-अलग प्रांत के आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा के ध्वजवाहक अपने नृत्य-गीत कौशल से राज्यवासियों को रूबरू करा रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि अपनी संस्कृति को संजोए रखने, स्वाभिमान को जागृत और जल, जंगल व जमीन की रक्षा के लिए हमेशा एकत्रित होकर कार्य करना है। उन्होंने आदिवासी संस्कृति, जीवन पद्धति तथा देश की स्वतंत्रता में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों यथा भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू, चांद भैरव आदि को स्मरण कर सभी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने की अपील भी की। जिसके बाद डीसी ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह विशेष दिवस आदिवासी परंपराओं, संस्कृति एवं प्रकृति के प्रति सच्चे प्रेम की याद दिलाता है। आदिवासी संस्कृति और परंपरा का अद्भुत समागम हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासी भाई-बहनों को लक्षित कर उनकी समृद्धि के दिशा में विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिसे जिला प्रशासन द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास है। वन पट्टा का वितरण हो या मुख्यमंत्री रोजगार सृजन, दुर्गम क्षेत्र की बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए छात्रवृत्ति या साईकिल वितरण आदि कई योजनाएं हैं। जिससे सुयोग्य लाभुकों को आच्छादित किया जा रहा है। जबकि एसएसपी ने कहा कि समाज जागरूक तभी कहलाता है जब आम जनता अपने अधिकार को समझते हैं तथा उसे पाते हैं। यह दिवस हम सभी के लिए गौरवान्वित होने का अवसर है और जहां हम अपने राज्य के समृद्ध आदिवासी परंपरा एवं संस्कृति को सेलिब्रेट कर रहे हैं। कार्यक्रम में विभिन्न आवासीय विद्यालय के बच्चे, अभिभावक, विभिन्न योजनाओं के लाभुक भी शामिल हुए।

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