जिले में पांच माह से नहीं मिला सरकारी शराब दुकानों के कर्मचारियों को वेतन

– सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम जिला है अप टू डेट

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के 110 सरकारी शराब दुकानों में काम करने वाले 340 कर्मचारियों को पांच माह से वेतन नहीं मिला है। जबकि इसके विपरीत पड़ोसी जिला सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम के सरकारी शराब दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन अप टू डेट है। इसी तरह उनका पीएफ और ईपीएफ भी समय पर जमा हो रहा है। वहीं पांच माह से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है। साथ ही इन दुकानों में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी बाहर से आए हुए हैं और यहां किराए पर मकान लेकर रह रहे हैं। जिनके लिए किराया देना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं यहां रहने वाले कर्मचारियों को अपने बच्चों की स्कूल फीस देने के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खाने के लिए राशन भी इनके पास नहीं है। वेतन न मिलने से इनके लिए पल-पल जीना मुश्किल हो रहा है। मगर इस मामले में विभाग ने मौन साध रखा है। बताया जा रहा है कि सरायकेला-खरसावां जिला में 64 सरकारी शराब की दुकानें हैं और जिसमें लगभग 200 कर्मचारी काम करते हैं। जिनका वेतन आरके मैनपॉवर कंपनी द्वारा प्रत्येक माह के 15 तारीख तक उनके खाते में दे दिया जाता है। साथ ही पीएफ और ईपीएफ की राशि भी समय पर ही दे दी जाती है। इसी तरह पश्चिम सिंहभूम जिले के लगभग 70 शराब दुकानों में 230 कर्मचारी काम करते हैं और उन्हें भी समय पर वेतन दे दिया जाता है। वहीं अगर हम बात करें पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित सरकारी शराब दुकानों की तो यहां काम करने वाले कर्मचारियों को पांच माह से वेतन ही नहीं मिला है। साथ ही पीएफ और ईपीएफ की राशि भी पीछे चल रही है। पूर्वी सिंहभूम जिले में कोलकाता की विवेल कंपनी ने राज्य सरकार से मैनपॉवर का ठेका लिया है। जिसे व्यक्तिगत तौर पर करार कर बाइनरी सॉल्यूशन नामक कोलकाता की कंपनी को उसने मैन पावर का ठेका भी दे दिया। जिसके बाद से ही कर्मचारियों को वेतन न मिलने का सिलसिला जारी है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि विवेल कंपनी व्यक्तिगत करार किए बाइनरी सॉल्यूशन कंपनी को 110 दुकानों में कार्यरत 340 कर्मचारियों का पीएफ और ईपीएफ जमा करने की बात कह रहा है। मगर बाइनरी कंपनी इसके लिए सरकार से प्राधिकृत नहीं है। इन दोनों कंपनियों के बीच चल रहे मामले का खामियाजा 340 कर्मचारियों को पांच माह से भुगतना पड़ रहा है। और यही कारण है कि कर्मचारियों को अब तक वेतन भी नहीं मिला है।

कोट:-

रांची मुख्यालय स्तर पर मामला फंसा हुआ था। उम्मीद है कि 1 से 2 दिनों में सभी कर्मचारियों को उनका वेतन मिल जाएगा।

– रामलीला रवानी, सहायक आयुक्त उत्पाद, पूर्वी सिंहभूम

 

हमारे जिले में काम करने वाले कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल जाता है। साथ ही उनका पीएफ और ईपीएफ भी जमा हो जाता है। कभी-कभी वेतन मिलने में एक से दो दिन आगे पीछे होता है। मगर माह के 15 तारीख तक हर हाल में उन्हें वेतन मिल जाता है।

– बिमला लकड़ा, एक्साइज सुपरीटेंडेंट, सरायकेला-खरसावां

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