मेदिनीनगर : मई महीने का आखिरी सप्ताह चल रहा है, आज 29 मई है. जून महीने में वट सावित्री व्रत पड़ रहा है. वट सावित्री व्रत के दिन का इंतजार हर सुहागन महिलाओं को रहता है, क्योंकि इस दिन व्रत करना पूजन करने का विधान है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कि वट सावित्री व्रत कब है. किस विधि विधान से पूजन करनी चाहिए.
शुभ मुहूर्त कब है और साथ ही पूजा करते समय कौन से कार्य को करना बिल्कुल नहीं भूलना चाहिए. जिससे मन चाहे फल की प्राप्ति होगी।ज्योतिष आचार्य पंडित मृत्युंजय तिवारी बताते हैं कि जून महीने में वट सावित्री का व्रत पड़ रहा है।ये जून महीने के पहले सप्ताह 6 जून को ही पड़ रहा है. वट सावित्री व्रत कृष्ण पक्ष अमावस्या 6 जून 2024 दिन गुरुवार को है. उस दिन जो पावन त्यौहार मनाया जाता है. उसे वट सावित्री के नाम से मनाया जाता है. जिसका बहुत ज्यादा महत्व है. इस दिन वट वृक्ष की पूजा करना व्रत करने का विधान है.
शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि ऐसा करने से बहुत लाभ होता है. ऐसा करने वाले जातकों को चमत्कारिक फायदा होता है।उन्होंने कि वट सावित्री व्रत करने वाली महिलाएं, कुमारी कन्याएं सुबह-सुबह उठकर स्नान ध्यान करके कम से कम 50 मीटर या 100 मीटर सफेद धागा लेकर और उसे हल्दी में पीला करके, वट वृक्ष के पास जाएं. सर्वप्रथम विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा करें. फिर इसके बाद सिंदूर, पुष्प और कुछ पकवान और फल चढ़ाने के बाद जो धागा 100 मीटर का रखे हैं. उसे लेकर 108 बार वट वृक्ष में घुमाएं. फिर घुमाने के बाद आरती करें. प्रसाद चढ़ाएं और भगवान को प्रणाम करें और जो मनोकामना है.
भगवान के सामने प्रणाम करते हुए मन ही मन दोहराएं, लाभ होगा।उन्होंने कहा कि जो भी महिलाएं कन्याएं वट सावित्री व्रत करना चाहती हैं. उनके लिए ब्रह्म मुहूर्त से ही शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाती है फिर भी सुबह 6 बजे से लेकर के 10 बजे के बीच पूजा पाठ जरूर कर लें. ये विशेष शुभ मुहूर्त है. वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें. भजन कीर्तन करें और सभी महिलाओं के साथ वहां आरती करें तो उनके घर बड़ी सुख शांति मिलती है और उस घर में खुशी का माहौल रहता है. किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आती है।