जीवन जीने की कला सीखने का उचित माध्यम है भागवत कथा – हिमांशु महाराज

 

बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का पहला दिन

 

जमशेदपुर: बिस्टुपुर स्थित सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ शुक्रवार की सुबह कलश स्थापना के साथ हुआ। विधि विधान से भागवत की पूजा अर्चना कर कलश की स्थापना की गई। जिसके बाद शाम में भागवत कथा का आयोजन किया गया। मथुरा से आये कथा वाचक हिमांशु महाराज ने भागवत महात्म एवं मंगलाचरण से कथावाचन प्रारंभ किया। इस दौरान उन्होंने व्यासपीठ पर आसीन होकर कथा का व्याख्यान करते हुए कहा कि प्रत्येक मनुष्य को पुण्य प्राप्त करने के लिए भागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत एक कथा नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला सीखने का उचित माध्यम है। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए उन्होंने आगे कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है और आवश्यकता है निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है। चित्त की स्थिरता के साथ ही श्रीमदभागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत श्रवण मनुष्य के सम्पूर्ण कलेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है। आगे उन्होंने कहा कि भागवत कथा जो कोई श्रमण करेगा वह ठाकुरजी को प्राप्त करने में सफल होगा तथा उसके जन्म-जन्मों के मोह-माया के बंधन दूर होंगे। राधे-राधे के उद्घोष से माहौल भक्ति के रस में डूब गया। पहले दिन यजमान के रूप में संतोष संघी, सुभाष मुनका, सत्यनारायण नरेडी, ओमप्रकाश मूनका, रतनलाल बांकरेवाल और संतोष गर्ग उपस्थित रहे। वहीं प्रसाद के यजमान बिजय मूनका, मोतीलाल जगदीश खेमका, पेराडाइज कमानी सेंटर, बिहारी लाल शर्मा, गोविंदराम मुरलीधर आदि उपस्थित थे। मौके पर प्रमुख रूप से मंदिर कमिटी के सचिव सुरेश कुमार आगीवाल, अशोक नरेडी समेत भारी संख्या में भक्त मौजूद थे

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