जमशेदपुर : बीते दिनों झारखंड हाईकोर्ट में प्रार्थी ने साल 2023 तक जमशेदपुर अक्षेस विभाग अंतर्गत 1246 अवैध भवनों के निमार्ण को लेकर एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि इसके अलावा अब भी 57 बिल्डिंग निर्माणाधीन है। साथ ही उन्होंने पीआईएल में 1246 भवनों को तोड़ने का आग्रह भी किया था। इसी तरह निर्माणाधीन बिल्डिंगों के काम को रोकने का आग्रह भी किया था। वहीं झारखंड हाईकोर्ट ने पीआईएल पर संज्ञान लेते हुए जमशेदपुर अक्षेस विभाग को जोरदार फटकार लगाते हुए सभी बिल्डिंगों पर कार्रवाई करने की बात भी कही थी। और तो और हाईकोर्ट ने विभाग से इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी मांगी थी। बावजूद इसके शहर में अवैध बिल्डिंगों का निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बिल्डरों द्वारा गली-गली में ऊंचे ऊंचे बिल्डिंगों का निर्माण करवा दिया जा रहा है। जिससे ऐसा लगता है कि उन्हें किसी का डर नहीं है और वे अवैध रूप से बिल्डिंगों का निर्माण धड़ल्ले से करवाते जा रहे हैं। जिसके कई उदाहरण भी है। कदमा उलियान अनिल सुर पथ ए-रोड स्थित तालाब के चारों तरफ अवैध बिल्डिंगों का निर्माण बेरोकटोक चल रहा है। इसी तरह उलियान मेन रोड स्थित सहारा कुंज अपार्टमेंट से सटकर परदे के पीछे निमार्ण कार्य जारी है। जबकि कदमा थाना से महज सौ मीटर की दूरी पर तो बिल्डर ने छह तल्ला कमर्शियल बिल्डिंग ठोक दिया है। जिसपर किसी की नजर नहीं है। वहीं सोनारी कागलनगर रोड नंबर 3 में तीन और 4 में एक के अलावा सोनारी कुम्हार पाड़ा मेन रोड पर शेरू-शेखर बिल्डर द्वारा अवैध रूप से बिल्डिंगों का निर्माण भी करवाया जा रहा है। लेकिन सूचना देने के बाद भी विभाग ने अबतक इसपर कोई कार्रवाई नहीं की। इतना सबकुछ होने के बाद भी विभाग ने अपनी आंखें बंद कर रखी है। यह उनकी मंजूरी है या फिर मजबूरी। यह समझ से परे है। इस संबंध में पूछे जाने पर विभाग के अधिकारी ने कहा कि मैडम को सूचना दे दी गई है। मगर उनकी तरफ से कारवाई करने के लिए कोई जवाब नहीं आया है। न ही उन्होंने हां बोला है और न ही ना बोला है। बताते चलें कि जब से विभाग में प्रशासनिक अधिकारी का हस्ताक्षेप हुआ, तब से कारवाई धीरे चल रही है।