सात माह से एमजीएम अस्पताल की पार्किंग में सड़ रहा है क्षतिग्रस्त मोक्ष वाहन

 

पूर्व अधीक्षक ने संस्था को वाहन मरम्मत का दिया था अल्टीमेटम, आज तक नहीं बना वाहन

 

जमशेदपुर : विगत जुलाई माह में एमजीएम अस्पताल से फुरिडा संस्था के अंतर्गत चलने वाला मोक्ष वाहन चालक की लापरवाही के कारण सरायकेला में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसके बाद पुलिस ने वाहन को जब्त कर थाने में रखवा दिया था। वहीं क्षतिग्रस्त वाहन को दूसरे वाहन से टोचन कर संस्था द्वारा अस्पताल के पार्किंग में चोरी छिपे लाकर खड़ा कर दिया गया था। जहां सात माह से वाहन उसी हालात में सड़ रहा है। मगर इसे देखने वाला कोई नहीं। पूर्व में कई बार इसकी शिकायत निवर्तमान अधीक्षक से भी की गई। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ यही नहीं, अस्पताल का एक सरकारी एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त होकर रांची स्थित नामकुम थाने के बाहर फेंका हुआ है। या फिर यूं कहें कि अस्पताल की सरकारी संपत्ति थाने के बाहर सड़ रही है और किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उक्त एंबुलेंस मरीज को एमजीएम अस्पताल से रेफर कर रिम्स ले जाते समय चालक बंटी के हाथों दुर्घटना का शिकार हो गया था। इस मामले को लेकर पूर्व में निवर्तमान अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार ने कहा था कि संस्था को मोक्ष वाहन का मरम्मत करवाने की चेतावनी दी गई है। अगर संस्था द्वारा इसे ठीक नहीं कराया जाता है तो उसका टेंडर रद्द कर उसे हटा दिया जाएगा। साथ ही उसके पेमेंट से इसकी भरपाई भी की जाएगी। बावजूद इसके आज तक फुरिडा संस्था ने वाहन की मरम्मत नहीं कराई। और तो और उसका टेंडर भी समाप्त हो गया। वहीं नये सिरे से मोक्ष वाहन के लिए पुनः टेंडर भी निकाला गया है और जिसके लिए कुछ ने टेंडर भी भरा है। मगर चुनावी आचार संहिता लागू होने के कारण टेंडर नहीं खोला जा सका। मगर अब आचार संहिता खत्म होने के बाद बहुत जल्द इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि जिस फुरिडा संस्था के कार्यकाल में मोक्ष वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, क्या उसके बिल से वाहन मरम्मत की भरपाई की जाएगी। या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

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