जमशेदपुर : कदमा क्षेत्र के न्यू रानी कुदर रोड नंबर 4 मकान संख्या 84 में इन दिनों बिल्डर प्रभाकर राव द्वारा अवैध रूप से नक्शा का विचलन कर बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं वर्तमान में बिल्डर द्वारा चार तल्ले की ढलाई भी किया जा चुका है। मगर जमशेदपुर अक्षेस विभाग को इसकी भनक तक नहीं है। इस संबंध में सूत्रों से पता चला है कि इससे पूर्व इस बन रही बिल्डिंग को विभाग द्वारा काफी समय तक सील भी किया गया था। मगर बाद में सील खोल दिया गया। इस बिल्डिंग में खामियां ही खामियां हैं। जिसके तहत बेसमेंट को वाहनों की पार्किंग के लिए छोड़ा जाना चाहिए। मगर वहां भी दुकानें बना दी गई। ग्राउंड फ्लोर में भी दुकानें बनी हुई है। वहीं मकान मालिक कृष्णा दीक्षित की जितनी जमीन थी, उससे ज्यादा में निमार्ण कार्य कराया जा रहा है। लोहे की बनी सिढ़ियां भी बिल्डिंग से बाहर निकाली गई है। और तो और सूत्रों से पता चला है कि पहले बिल्डिंग को फर्स्ट फ्लोर तक बनाया गया। जिसके बाद सपथ पत्र देकर विभाग से मकान मालिक द्वारा ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट भी ले लिया गया। जिसे दिखाकर उक्त बिल्डिंग में टाटा स्टील यूआईएसएल (पूर्व में जुस्को) से पानी और बिजली का कनेक्शन भी ले लिया गया। बाद में पुनः अवैध रूप से निमार्ण की शुरुआत कर दी गई। चुंकि मौजूदा समय में विभाग द्वारा अवैध रूप से बने बिल्डिंगों में ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट दिया ही नहीं जा रहा है। ऐसी ही एक मामला सोनारी क्षेत्र के बी-रोड से भी सामने आया है। जिसमें मकान मालिक ने पहले दो तल्ला बनाया। फिर बिजली और पानी का कनेक्शन लेने के बाद चार तल्ला बिल्डिंग का निर्माण करवा दिया। बताते चलें कि इन अवैध निर्माणों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में जमशेदपुर अक्षेस विभाग की किरकिरी हो रही है। बावजूद इसके विभाग इन अवैध निर्माणों को रोकने में दिलचस्पी नही दिखा रही है। आगामी 22 जनवरी को भी इसी मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई भी है। फिलहाल मामले में हमने उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार से बात करने की कोशिश की। मगर उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं किया। बहरहाल अब देखना यह है कि इन अवैध निर्माणों पर विभाग कब तक कारवाई करती है।