दोनों प्रत्याशी गिरिडीह से, अपने चुनाव के लिए खुद के मत नहीं डाल पाएंगे
सुनील बर्मन
धनबाद: लोकसभा चुनाव में आजादी के बाद पहली बार एैसा हुआ है कि कांग्रेस और भाजपा दोनो उम्मीदवार बाहरी है। एनडीए गठबंधन के भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो व इंडी गठबंधन की कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह दोनो गिरिडीह से है। दोनो खुद का मत अपने चुनाव के लिए उपयोग नहीं कर पांएगे। दोनो खेमे में जोर आजमाईश बराबरी की है। भाजपा विधायक जहां बाघमारा से तीन बार विधायक है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी की भी राजनैतिक उपस्थिति को कम नहीं आंका जा सकता है। अनुपमा सिंह जहां बेरमो विधायक अनूप सिंह की पत्नी है वहीं उनके ससुर राजेन्द्र सिंह का नाम झारखंड सहित एकिकृत बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार है। राजेन्द्र सिंह देश के मजदूर नेताओं में स्थापित नाम रहे। 2004 को छोड़कर, भाजपा 1991 से लगातार धनबाद जीत रही है। 2004 में कांग्रेस के ददई दूबे ने धनबाद सीट कांगेस के झोली में डालने का काम किया था। इस बार भाजपा ने तीन बार लगातार जीत दर्ज करने वाले सांसद पीएन सिंह का टिकट काटकर बाधमारा विधायक ढुल्लु महतो कों मैदान में उतारने का फैसला किया, जो 40 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं और अब तक चार में दोषी ठहराए जा चुके हैं। इस फैसले से विशेषकर पारंपरिक भाजपा समर्थकों का एक बड़े वर्ग में रोष है जो भाजपा की सेहत पर असर कर सकती है। हालाकि बाहरी प्रत्याशी के फैसले पर नाराजगी दोनों पार्टियों से है। दोनो पार्टी के अन्दर खाने से बात आ रही है कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता पांच साल तक पार्टी के लिए काम करते हैं और आखिरी समय में पार्टी एक बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारती है जो निराशा जनक है। अब जनता ही इन दोनों की स्वीकार्यता को तय करेगी।