अमेजन का द ब्यूटी सेल 25 से 29 जुलाई तक

  जमशेदपुर : क्या आप भी बेदाग रंग, काले और लंबे बाल एवं कोमल त्वचा का सपना देखते हैं तो अब आपको और कहीं भटकने की जरूरत नहीं। साथ ही अपने ब्यूटी रुटीन को बंद करने की अब कोई जरूरत नहीं है। आपका इंतजार अब लगभग खत्म होने वाला है। क्योंकि अमेजन ब्यूटी का साल का सबसे बहुप्रतीक्षित ब्यूटी इवेंट ‘द ब्यूटी सेल’ वापस आ रहा है और जो लोरियल प्रोफेशनल और लव ब्यूटी एंड प्लेनेट के सहयोग से लोरियल पेरिस द्वारा समर्थित है। वहीं 25 से 29 जुलाई तक…

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आया सावन झूम के …

  संजय सागर झमाझम बरस रही है बदरिया सावन की जैसे रुत आई है ,मनभावन की। भीनी खूशबू के साथ खिल उठी हैं कलियां, बारिश की भी बढ़ गई है सरगोशियां। सावन झूमकर आई है। सावन आने से आकाश बादल एवं धरा भी झूम उठी है. वर्षा रानी भी पायल जैसी आवाज करती छम छम बरसने लगी है। बारिश के बंदे से धारा भी तृप्त होती है। पेड़ पौधे और फूल भी झूम उठे है. शीतल हवा भी इतराने लगी है। बादल बौराने लगे हैं। बच्चे बूढ़े और जवान मत…

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जिला ओपन योग प्रतियोगिता संपन्न

रांची : जिला ओपन योग प्रतियोगिता के दूसरे दिन सुबह 8 बजे से प्रतियोगिता शुरू किया गया। जिसमे अंडर 8 वर्ष के प्रतिभागियों के द्वारा प्रतियोगिता का सुभारंभ किया गया। 8 वर्ष से कम के सभी प्रतिभागियों को स्वर्ण मेडल दे कर प्रोत्साहित किया गया। जिससे बच्चो में योग के प्रति प्रोत्साहन मिले और वो बचपन से ही योग को अपने जीवन में अपनाए और नियमित योग अभ्यास करे । आज अंडर 8 से अंडर 18 तक के प्रतियोगिता संपन्न किया गया । जिसके परिणाम अंडर 10 वर्ष लड़किया प्रथम…

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रोटी, चार प्रकार की होती है

पहली “सबसे स्वादिष्ट” रोटी “माँ की “ममता” और “वात्सल्य” से भरी हुई। जिससे पेट तो भर जाता है, पर मन कभी नहीं भरता। दोस्त ने कहा, सोलह आने सच, पर शादी के बाद माँ की रोटी कम ही मिलती है।” उन्होंने आगे कहा “हाँ, वही तो बात है। दूसरी रोटी पत्नी की होती है जिसमें अपनापन और “समर्पण” भाव होता है जिससे “पेट” और “मन” दोनों भर जाते हैं।”, क्या बात कही है यार ?” ऐसा तो हमने कभी सोचा ही नहीं। फिर तीसरी रोटी किस की होती है?” एक…

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वसंत ऋतु में हास्य संग श्रृंगार का आनंद ही कुछ और है, प्रस्तुत रचना एक कवि जीजा अपनी प्यारी साली के लिए मजाक में लिख रहा है

मैं हूँ ना————-! तुम्हें लगने लगे यह जब, कि तेरा कोई नहीं है अब, तब तुम्हें मेरी जरूरत लगे, तो याद कर लेना मुझे, मैं हूँ ना————–! अकेले में सूनापन लगे, कहीं से न अपनापन लगे, रात्रिपहर डरावनापन लगे, तो याद कर लेना मुझे, मैं हूँ ना————–! मध्य रात्रि बस ख्यालों में, तुम्हारी चाहत के सवालों में, यदि किसी की याद आने लगे, तो याद कर लेना मुझे, मैं हूँ ना————–! बाहर घटा हो घनघोर, मन में प्रेम हो पुरजोर, चहूंओर बस कोई न रहे, तो याद कर लेना मुझे,…

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10 वर्षीय छात्र की हार्ट अटैक से मृत्यु डॉक्टरों ने बताये 10 कारण..

संवाददाता: बच्चों के जन्म लेते ही हर माता पिता को एक उम्मीद होता है कि उसका बच्चा अपने समाज या रिश्तेदारी के बच्चों से हर चीज में अव्वल आए। और इसी अव्वल दिखाने के चक्कर में हर माता पिता अपने बच्चों को बड़े स्कूल में दाखिला करवा देते है। साथ ही दो चार ट्यूशन, डांस क्लास, गिटार, म्यूजिक, कंप्यूटर क्लास आदि देकर पूरा दिन व्यस्त रखते हैं और हर बच्‍चे से यही उम्‍मीद की जाती है कि वो पढ़ाई में अच्‍छा परफॉर्म करे क्‍योंकि सोसायटी में बच्‍चों की पढ़ाई को…

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मौन संभालें रखिए

जीवन की पीड़ाओ को संवेदना विहीन लोगों से क्यों कहना। कर्मों से उपजे आत्मा बलों का यूं बेबस होकर रेत की तरह क्यों ढहना । जो मौन को न समझे उसे शब्दों से क्यों कहना। प्रतिकूल वक्त के बदलने तक मौन को संभाले रखिए।। जब-जब सही बात करने के बाद भी बातें बिगड़ने लगे। कटु व्यंगो की बौछार से नेत्र से खून की धारा टपकने लगे । ह्रदय चित्कार करता हो होंठ थरथराते हो। शब्दों की माला टूट कर बिखरने लगे । अपने अंतर्मन की ज्वाला को स्वयं के भीतर…

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एक मतला एक शेर

एक मतला एक शेर नज़र तुमसे मिली क्या हम तुम्हें अपना बना बैठे ख़बर क्या थी सुकूँ का आशियाँ खुद का जला बैठे।। कभी चुप चाप सांसों से भी उनको छूना चाहा तो, मचाया शोर पायल ने ये कंगन खनखना बैठ।।   बिट्टू जैन सना

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भारतीय वैज्ञानिकों ने एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए तकनीक विकसित की

चेन्नई: पूरे विश्व में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की चुनौती जिस तरह से बढ़ रही है उससे एंटीबायोटिक दवाइयों के प्रयोग पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। अस्पतालों में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को लेकर डॉक्टर चिंतित हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि 6 फीसदी रोगियों को ही केवल उनकी बीमारी के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की पुष्टि के बाद एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जाती है। जबकि 45 प्रतिशत मामलों में पूरी तरह लक्षणों के आधार पर और 55 फीसदी लोगों को संक्रमण की सांकेतिक जानकारी के आधार पर दी जाती है। कुल…

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❓​ कुछ रह तो नहीं गया ❓

तीन महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जाने वाली माँ को दाई ने पूछा ~ कुछ रह तो नहीं गया ? पर्स, चाबी सब ले लिया ना ? अब वो कैसे हाँ कहे ? पैसे के पीछे भागते-भागते सब कुछ पाने की ख्वाहिश में वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है, वही रह गया है ! शादी में दुल्हन को बिदा करते ही शादी का हॉल खाली करते हुए दुल्हन की बुआ ने पूछा ~ भैया, कुछ रह तो नहीं गया ना ? चेक करो…

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एडेनियम के पौधे कैसे तैयार करें

वस्तु के अनुसार एडेनियम घर में लगाने के लिए भाग्यशाली पौधों में से एक है, मुख्यतः इसकी मोटी जड़ों के कारण जो संपन्नता को दर्शाते हैं। एडेनियम के पौधे अपने सुंदर गुलाबी या लाल फूलों के लिए जाने जाते हैं, जिनका मूल स्थान रेगिस्तान हैं, इस लिए इन्हें रेगिस्तानी गुलाब की संज्ञा दी जाती है। आज के पोस्ट में आप जानेंगे, बेहद ही सरल, फूल वाले पौधे एडेनियम के बारे में जिसे लगाना और इसकी देखभाल करना बहोत ही आसान है। ★ अनुकूल मौसम एडेनियम में मानसून के समय फूल…

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स्वास्थ्य वर्धक खाना घर का या होटल का

बात गंभीर हैं, आजकल स्टेटस मेंटेन और आलस की वजह से लोगो का होटल और रेस्टरेंट में खाना खाने का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है सरकारी एजेंसी की माने तो पिछले 5 साल की तुलना में 200% अधिक ज्यादा होटल्स में बिक्री हो रही है रही कही कसर जोमैटो और स्वीगी पूरी कर देते हैं इसकी तादाद इतनी ज्यादा बढ़ गई है की छोटे बड़े शहर में लोग क्लाउड किचन चलाना शुरू कर दिए हैं लेकिन 1 घंटे के आलस के चक्कर लोग कितनी बड़ी तादाद में अपने हेल्थ…

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नव वर्ष हार्दिक शुभकामनाएं 

पुराने साल में हमने जो भी किया, सीखा, सफल या असफल हुए उससे सीख लेकर, एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जिस प्रकार हम पुराने साल के समाप्त होने पर दुखी नहीं होते बल्‍कि नए साल का स्वागत बड़े उत्साह और खुशी के साथ करते हैं, उसी तरह जीवन में भी बीते हुए समय को लेकर हमें दुखी नहीं होना चाहिए।   भारत में एक नहीं पांच बार मनाया जाता है न्यू ईयर, जानें कब और क्यों मनाया जाता है इन्हें नया साल शुरू होने में अब बस…

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विज्ञान हमें कहां से कहां ले आया !

सेहत: हम तो फिर भी कहेंगे और सब कहते हैं कि विज्ञान बहुत तरक्की कर रहा है पर बीमारी घटने के बजाय बढ़ कैसे रही है ? हर घर में कोई ना कोई दवाई क्यों खा रहा है? नहीं पता न ?   मैं बताता हूँ, हुआ ये है कि हमारे रसोई की मूलभूत चीजों में बहुत मिलावट, गिरावट और घटियापन आ गया है। कौन कौन सी हैं वो चीजें ? 1. नमक 2. गुड़ 3. तेल 4. घी 5. दूध 6. आटा 7. पानी 8. शक्कर   जी हाँ…

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क्या बेटी अभिशाप है?

बेटी होना अभिशाप है तो, हां हूं मैं अभिशाप, समाज के ठेकेदारों, पर तुम क्यों करते हो पाप । मेरे अस्तित्व को छिन कर, क्या तुम चैन से सो पाओगे, दोगे इतना दर्द तो, भरपाई कैसे कर पाओगे। मत लड़ो सब मेरे लिए, मैं भी तेरा हीं अंश हूं, दे धरती पर जन्म मुझे, मैं भी किसी से कम नहीं हूं । मत मारो मां की कोख में, दर्द होता होगा उसे भी, मेरा क्या है, मैं तो नन्ही जान हूं, सह जाऊंगी अत्याचार भी । मुझे अपना परछाई बना…

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एक महिला की कलम से ……..

कल संडे था शॉपिंग के लिए मॉल गयी थी। बिलिंग में लंबी लाइन थी। मैं ट्रॉली लिए लाइन में खड़ी थी। मेरे आगे एक फैमिली अपना बिलिंग करवा रहा था। बच्चे ट्रॉली से अपना मनपसंद समान उठाकर बिल के लिए रख रहे थे। उनकी माँ ने भी दीवाली के डेकोरेशन के लिए खूब सारी चीजें ली थी। और साइड में खड़े पापा की नज़र सिर्फ कंप्यूटर स्क्रीन पर थी, बिल के लगातार बढ़ रहे आंकड़े पर।अच्छी खासी अमाउंट हो जाने के बाद उन बच्चों के पापा ने कैशियर से आगे…

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कल्पना की उड़ान

ख्वाहिशों का दौर, चल रहा था जब जवां धड़कनों में खूब हलचल थी तब आशिकी जैसी , मंजिलों का सफर रंगी महकी चंचल सांसें चलती थी तब नैनों में ग़ज़ल , कुछ गीतों से श्रृंगार सतरंगी सपने पलकों पे , बुनते थे तब मनचली तितलियों के संग आसमां पे स्वतंत्र ख्यालों में ,उड़ान भरती थी तब कला से महज़ , सितारे करिश्मा नहीं गले में आकार पांव भी थिरकते थे तब हवा कुछ ऐसी चली उड़ा ले गया शहर सुनामी के सोने में, जागी पल थी तब आयी कहकशां से…

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कैक्टस : ना खाद ना पानी , फिर भी जीवित है

शीर्षक : कैक्टस कैक्टस को देखती हूँ , ना खाद ना पानी , फिर भी जीवित है , पनप जाती है,   पथरीली -रेगिस्तानी, मरुभूमि में, जिजीविषा ऐसी , कोमल पत्तियाँ ,   और अहा !! छोटे फूल भी , उगा लेती है , अपनी सूखी ,   काँटेदार संरचना पर , कहाँ से लाती है , यह असीम शक्ति , धुंधले हो गए चश्मे को ,   उतारती हूँ , पोछती हूँ , पहनती हूँ , अरे !!यह क्या ?? यह और कोई नहीं,   स्त्री है , धरतीपुत्री…

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मोहब्बत है

मोहब्बत है मोहब्बत है मुझे, इन वादियों , इन घटाओं से, हवा में, महक़ी तेरी सांसों की भीनी ख़ुश्बू से, मोहब्बत है मुझे,आसमां पे बिछी,इन तारों से, चाँद की रौशनी में, खिला तेरे मासूम चेहरे से, मोहब्बत है मुझे, इन पहाड़ों, गिरती झरनों से, बून्द मोतियों सी ,गिरती पत्थरों पे,तेरे नैनों से, मोहब्बत है मुझे,आसमां पे उड़ती, पंछियों से, कुहकति कोयल,गुनगुनाती फिज़ा में तेरे गीतों से, मोहब्बत है मुझे, इस ज़मीन के पेड़ पोधों से, लहराती हरियाली खेतों में, बिखरे ज़ुल्फों से, मोहब्बत है मुझे, इन झीलों पहाड़ों जंगलों से,…

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