होली का इतिहास, परम्परा, हुल्लड़ और सावधानियां

बिहार में कुर्ता फाड़ होली भी खेली जाती है, जो विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है। लोग बताते हैं कि इस दिन के लिए खास तैयारी की जाती है। बाजार में स्पेशल कुर्ते बिकते हैं, जिनकी काफी डिमांड रहती है। यहां होलिका दहन की राख एक-दूसरे को लगाई जाती है, जिसे काफी शुभ माना जाता है। होली वाले दिन पहले गुलाल से सूखी होली खेली जाती है। इसके बाद पुरुष कुर्ता फाड़ होली खेलते हैं। वहीं मथुरा में लठ्ठमार होली तो उत्तराखंड में बैठकी होली की धूम है। इतिहास बताता…

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रोटी, चार प्रकार की होती है

पहली “सबसे स्वादिष्ट” रोटी “माँ की “ममता” और “वात्सल्य” से भरी हुई। जिससे पेट तो भर जाता है, पर मन कभी नहीं भरता। दोस्त ने कहा, सोलह आने सच, पर शादी के बाद माँ की रोटी कम ही मिलती है।” उन्होंने आगे कहा “हाँ, वही तो बात है। दूसरी रोटी पत्नी की होती है जिसमें अपनापन और “समर्पण” भाव होता है जिससे “पेट” और “मन” दोनों भर जाते हैं।”, क्या बात कही है यार ?” ऐसा तो हमने कभी सोचा ही नहीं। फिर तीसरी रोटी किस की होती है?” एक…

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इस साल का 366वां दिन आज, चार साल के इंतजार के बाद आया यह दिन

भोपाल : आज (गुरुवार ) वह तारीख है जो साल 2024 को 366 दिन का बना रही है। तीन साल तक 365 दिन के एक साल को बिताने के बाद चौथे साल यह 29 फरवरी के साथ 366 दिन का आया है। 29 फरवरी का दिन चार साल के इंतजार के बाद आया है। इस संबंध में भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि इसे लीप ईयर कहा जाता है। उन्होंने बताया कि आम तौर पर पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा करते हुये 365 दिन…

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भारतीय राजनीति के कुछ अनछूए पहलू : भारतीय राजनीति में कांग्रेस का पतन व भारतीय जनता पार्टी का प्रादुर्भाव

वर्तमान राजनीति में कांग्रेस की कुछ ऐसी गतिविधियाँ रही हैं कि भारतीय सनातन सभ्यता व संस्कृति या बहुसंख्यक समुदाय को आघात लगा है। मैं समझता हूँ कि 1986 में शाहबानो केस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जब कांग्रेस ने पलट दिया,मेरे हिसाब से वहीं से भारतीय जनमानस का विचारधारात्मक प्रवाह दो ध्रुवों में बँट गया जिसके विरोध में एक बहुत बड़ी जनसंख्या खड़ी हो गई और शायद यहीं से काँग्रेस का अस्तित्व खतरे में आता नजर आया। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने अपने…

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सौंदर्य यात्रा की शुरुआत: के.जी. सुब्रमण्यम, दूरदर्शी कलाकार और कला शिक्षक

प्रबुद्ध घोष कल्पथी गणपति सुब्रमण्यन (१५ फरवरी १९२४ – २९ जून २०१६), जिन्हें प्यार से के.जी. सुब्रमण्यन और मणि दा के नाम से जाना जाता है, भारतीय कला के क्षेत्र में एक असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने अभिनव कार्यों और स्वदेशी कलात्मक परंपराओं के साथ गहरे संबंधों के माध्यम से एक स्थायी विरासत छोड़ी। एक कलाकार, शिक्षक और दार्शनिक के रूप में उनकी यात्रा भारतीय कला रूपों की समृद्ध टेपेस्ट्री की खोज और जश्न मनाने के लिए दृढ़ समर्पण द्वारा चिह्नित की गई थी। १९२४ में उत्तरी केरल के कुथुपराम्बु…

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❓​ कुछ रह तो नहीं गया ❓

तीन महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जाने वाली माँ को दाई ने पूछा ~ कुछ रह तो नहीं गया ? पर्स, चाबी सब ले लिया ना ? अब वो कैसे हाँ कहे ? पैसे के पीछे भागते-भागते सब कुछ पाने की ख्वाहिश में वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है, वही रह गया है ! शादी में दुल्हन को बिदा करते ही शादी का हॉल खाली करते हुए दुल्हन की बुआ ने पूछा ~ भैया, कुछ रह तो नहीं गया ना ? चेक करो…

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न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कोयला मजदूरों का दर्द बांटा

रामगढ़ : भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान पिछले दो दिनों से राहुल गांधी कोयलांचल से होकर गुजर रहे हैं। सोमवार को रामगढ़ से रांची जाने के क्रम में चुटूपालू घाटी में कोयला ढो रहे मजदूरों को देखकर राहुल गांधी ने अपने काफिले को रोक दिया। इस दौरान उन्होंने कोयला मजदूरों का दर्द बांटा और उनसे उनकी हालत के बारे में चर्चा की। राहुल गांधी ने कोयले से लदे साइकिल को भी कुछ दूर तक ले जाने में उनकी मदद की। न्याय यात्रा के दौरान रविवार की शाम भी गोला…

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26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)

गणतंत्र दिवस भारत  का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्वतंत्रता  दिवस और गांधी जयंती है एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए  2 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस…

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ऑस्कर 2024 में ‘ओपेनहाइमर’ और ‘बार्बी’ का जलवा

96वें ऑस्कर के लिए नामांकन समारोह शुरू हो गया है और मेजबान और अभिनेता ज़ाज़ी बीट्ज़ और जैक क्वैड ने नामांकन सूची की घोषणा करना शुरू कर दिया है। इस साल इस सूची में बॉक्स ऑफिस की ब्लॉकबस्टर ओपेनहाइमर और बार्बी का दबदबा है। ओपेनहाइमर 13 कैटेगरी में नॉमिनेट हुई है। वहीं बार्बी को 8 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है। ओपेनहाइमर को सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, पोशाक डिजाइन, सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, मेकअप और हेयरस्टाइल, अनुकूलित पटकथा, ओरिजिनल स्कोर, प्रोडक्शन डिजाइन, फिल्म संपादन, साउंड , सिनेमैटोग्राफी सहित…

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पल-पल की जानकारी प्राण प्रतिष्ठा LIVE: अभिजीत मुहूर्त में 84 सेकंड शुभ, आचार्य सत्येंद्र दास बोले- रामभक्तों का सपना पूरा हो रहा

Ayodhya Ram Temple Ram Lalla Pran Patishtha Ceremony: शुभ घड़ी आई, आज घर आएंगे रघुराई…। प्राचीन और स्वर्णिम अयोध्या के अपने राजा राम आज अपने घर आएंगे। 500 सालों के इंतजार का वनवास खत्म होगा। रामभक्तों के लिए इस पवित्र क्षण को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। उनके लिए एक भावुक क्षण है। पूरी नगरी को आध्यात्मक रंग देकर सजाया गया है। सुबह 10 बजे से मंगल ध्वनि का भव्य वादन होगा। 18 राज्यों से 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र 2 घंटे तक इस शुभ घटना के साक्षी बनेंगे।…

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पल-पल की जानकारी प्राण प्रतिष्ठा: अतिथियों को विशेष डिब्बे में मिलेगा थेपला पराठा, पूड़ी, गाजर मटर व बीन्स की सब्जी

अयोध्या : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में आए आमंत्रित अतिथियों को आज विशेष डिब्बे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भोजन प्रसाद मिलेगा। भोजन प्रसाद में बादाम बर्फी, मटर कचौड़ी, दो थेपला पराठा, दो पूड़ी, गाजर मटर बीन्स की सब्जी, मिर्च और आम के आचार को शामिल किया गया है। अतिथियों के भोजन को सोमवार सुबह ही चार गाड़ियों से प्राण प्रतिष्ठा के समारोह स्थल पर भेज दिया गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित अतिथियों को मिलने वाले इस खास भोजन प्रसाद को शिवदयाल…

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तोरपा के सिडींग महादेव की कौन लेगा सुध?

खूंटी : वैसे तो प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर खूंटी जिले में प्राचीन धर्म स्थलों की कोई कमी नहीं है, लेकिन कुछ काफी प्रसिद्ध हो गये है, पर कुछ ऐसे हैं, जो आज भी अधिकतर लोगों की नजरों से ओझल हैं। ऐसा ही एक प्रचीन धर्म स्थल है तोरपा प्रखंड की फटका पंचायत के सिड़ींग गांव के पास बनई और कारो नदी के संगम पर स्थित बाबा सिड़ींग महादेव स्थान। हालांकि यह अब भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की नजरों से यह देव स्थल दूर है, पर स्थानीय हिंदू और सरना धर्मावलंबियों…

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महेन्द्र सिंह धोनी पत्नी व बेटी के साथ पहुंचे  अपने पैतृक गांव ल्वाली 

अल्मोड़ा : भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपनी पत्नी साक्षी और बेटी के साथ बुधवार को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे। गांव में उन्होंने लोगों के साथ फोटो खिंचवाई और गोरखनाथ मंदिर में पूजा की। वहीं पैतृक घर की देहरी पर बैठ कर विश्राम किया। धोनी अल्मोड़ा जिले की जैंती तहसील के ग्राम ल्वाली के मूल निवासी हैं। वर्ष 1970 में धोनी के पिता रांची जाकर बस गये थे। वर्तमान में उनके चाचा सहित अन्य लोग गांव में ही रहते हैं।…

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28सितंबर: भगत सिंह जयंती पर विशेष: भगत सिंह को फांसी से नहीं बचा पाए थे गांधी!

पंकज कुमार श्रीवास्तव 8अप्रैल,1929को असेंबली में बम फेंकने के आरोप में भगत सिंह,सुखदेव और बटुकेश्वर दत्त को गिरफ्तार किया गया था।उनके पास वह पिस्तौल मिली थी,जिसकी गोलियों से लाहौर में पुलिस अफसर सांडर्स की हुई थी।उन्हें फांसी की सज़ा सांडर्स की हत्या के मामले में सुनाई गई थी। 7अक्टूबर,1930को भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरू को फांसी की सजा सुनाई गई थी.उनकी फांसी के लिए 24मार्च,1931की तारीख तय की गई थी.कोर्ट ट्रायल और भूख हड़ताल की वजह से भगत सिंह और उनके साथी युवाओं के बीच में काफी लोकप्रिय हो गए थे.…

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रिश्वत से भ्रष्टाचार को मिलता है बढा़वा,छोटे से बड़े काम के लिए लगता है चढा़वा: शम्सी

गिरिडीह: इंटरनेशनल एक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के जिला अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार मो. ओबैदुल्लाह शम्सी ने बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार के लिए रिश्वत के बढ़ते ट्रेंड एवं प्रचलन को जिम्मेदार ठहराया है। इस विषय पर उन्होंने कहा कि आज रिश्वत और भ्रष्टाचार की जड़ें प्रखंड,अंचल,थाना, समाहरणालय, मंत्रालय, कोर्ट, कचहरी,संघ और संगठन लगभग सभी जगह काफी मजबूत और गहरी हो चुकी हैं। आज एक आम आदमी को अपने छोटे से छोटे काम को करवाने के लिए भी चढा़वा देना पड़ता है। बिना पैसों का लेनदेन किए आज जनता का कोई…

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