पंजाब के मुख्यमंत्री ने टाटा स्टील के लुधियाना ईएएफ स्टील प्लांट के लिए भूमि पूजन में की शिरकत

– 2600 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला प्लांट मार्च 2025 तक होगा चालू

– प्लांट 500 प्रत्यक्ष रोजगार और 2000 अप्रत्यक्ष रोजगार का करेगा सृजन करेगा

जमशेदपुर : टाटा स्टील ने शुक्रवार पंजाब राज्य के लुधियाना में अपने आगामी 7.50 लाख टन प्रति वर्ष के स्क्रैप-आधारित इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) प्लांट के लिए भूमि पूजन समारोह आयोजित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और कंपनी के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में समारोह संपन्न हुआ। यह भारत में टाटा स्टील का पहला न्यूनतम कार्बन वाला ग्रीन स्टील प्लांट है। लुधियाना में यह नई सुविधा सस्टेनेबल मैनुफैक्चरिंग और 2045 तक नेट जीरो प्राप्त करने की दिशा में टाटा स्टील की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है। इसमें इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस समेत अत्याधुनिक तकनीक होगी और जो ऊर्जा-कुशल है और पारंपरिक स्टील मेकिंग की तुलना में काफी कम कार्बन उत्सर्जन करती है। वहीं लुधियाना को विशेष रूप से हाई-टेक वैली इंडस्ट्रियल पार्क के साथ-साथ एक ऑटो हब के निकट होने के कारण चुना गया है। जहां से कंपनी के प्रमुख टाटा टिस्कॉन ब्रांड के तहत बाजार के लिए लांग स्टील प्रोडक्ट्स का उत्पादन करने के लिए स्टील स्क्रैप प्राप्त किया जा सकता है। मौके पर टाटा स्टील चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि हम अधिक सस्टेनेबल इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस-आधारित स्टील बनाने की दिशा में परिवर्तन की एक नई यात्रा शुरू कर रहे हैं। जिसके माध्यम से हम डीकार्बोनाइजेशन की अपनी खोज जारी रखेंगे। लुधियाना में प्रस्तावित यह नई अत्याधुनिक सुविधा सस्टेनेबल मैनुफैक्चरिंग और 2045 तक नेट जीरो प्राप्त करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने इस परियोजना को संभव बनाने में निरंतर समर्थन और सहयोग के लिए अपनी ओर से पंजाब सरकार के प्रति आभार भी व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हम एक सस्टेनेबल और जीवंत कल बनाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। जबकि परियोजना के पहले चरण में 2600 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय किया जा रहा है। वहीं कंपनी की योजना मार्च 2025 तक इस परियोजना को चालू करने की है। जिससे पंजाब के युवाओं को लाभ भी मिलेगा। उनमें से 500 को प्रत्यक्ष रोजगार के साथ साथ अन्य 2000 को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।अपने नेट जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने और सस्टेनेबिलिटी में नेतृत्व प्राप्त करने के प्रयास में टाटा स्टील ने सप्लाई चेन में केंद्रित पहल कर उत्पादन तथा उत्पाद के जीवन चक्र के माध्यम से अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2021 में टाटा स्टील ने हरियाणा के रोहतक में 0.5 एमएन टीपीए क्षमता का अपना पहला स्टील रीसाइक्लिंग प्लांट भी चालू किया था। यह देश में पहली ऐसी अत्याधुनिक स्क्रैप प्रसंस्करण सुविधा है।

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