पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना को लेकर डीसी ने की समीक्षा बैठक

जमशेदपुर : डीसी अनन्य मित्तल ने सोमवार समाहरणालय सभा कक्ष में पीएम विश्वकर्मा योजना के मद्देनजर जिला स्तरीय समिति के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें डीडीसी मनीष कुमार और एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा भी शामिल हुए। बैठक में योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए अधिक से अधिक योग्य लाभुकों का आवेदन प्राप्त कर योजना के तहत लाभ प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए। बैठक के दौरान उन्होंने निर्धारित गाइडलाइंस के तहत कार्य करते हुए द्वितीय चरण के वेरिफिकेशन कार्य में तेजी लाने का निर्देश भी दिया। साथ ही उन्होंने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आपसी समन्वय स्थापित कर लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य करने का निर्देश भी दिया। इस अवसर पर उन्होंने पीएम विश्वकर्मा की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस योजना से अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले जिले के हजारों कारीगरों और शिल्पकारों को सीधे लाभ होगा। साथ ही पारंपरिक और विरासत शिल्प के संरक्षण में योगदान देने वाले कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन में बदलाव आएगा। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को विश्वकर्मा (पारंपरिक कारीगर) के रूप में मान्यता देने में सक्षम बनाएगी। जिससे वे योजना के तहत लाभ उठाने के पात्र बन जाएंगे। इस योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं। जैसे कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टुलकिट बनाने वाले, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले। योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं 500 रुपए प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा। प्रशिक्षण के बाद टूल किट के लिए 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रूपए तक का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। बैठक में अपर उपायुक्त, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, डीपीएम जेएसएलपीस, सीएमएम, एनयूएलएम भी मौजूद थे।

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