गिरिडीह: इंटरनेशनल एक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल गिरिडीह के जिला अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार मो. ओबैदुल्लाह शम्सी ने कहा कि शिक्षा एवं जानकारी के अभाव में अभी भी लोगों में पुलिस-प्रशासन एवं थाना का भय देखने को मिलता है। लोगों को यह जानना चाहिए कि पुलिस का काम जनता की रक्षा करना एवं उन्हें आवश्यक सुरक्षा प्रदान करना है। पुलिस कानून का रक्षक होता है भक्षक नहीं।
याद रहे कि पुलिस और प्रशासन अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कानून के दायरे में रहकर ही करते हैं। यदि कोई पुलिस वाला भी कानून अपने हाथ में लेगा तो कानून के नज़र में वो स्वयं भी एक मुजरिम ही कहलाएगा। वर्दी के रौब और नशे में असंवैधानिक कृत्यों को अंजाम देने के कारण समय-समय पर कई वर्दीधारियों को भी कानून के शिकंजे में जकड़ा जा चुका है।
आम बोल-चाल में यदि यह कहा जाए कि पुलिस जनता का सेवक होता है तो यह ग़लत नहीं होगा। वर्तमान सामाजिक व्यवस्था एवं परिपेक्ष्य में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन का योगदान अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। पुलिस -प्रशासन का डर अपराधियों एवं असमाजिक तत्वों में होता है आम जनता में नहीं। पुलिस आम आदमी का सहयोगी होती है। उन्हें अपना मित्र समझें, उनसे अनावश्यक रूप से भयभीत न हों।
यदि आपको ऐसा लगता है कि पुलिस ने आपके साथ कुछ गलत किया और अनावश्यक रूप से आपको परेशान और प्रताड़ित किया गया है तो आप इसकी सूचना अपने समाज के गणमान्य एवं बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों को दें जो आवश्यकता पड़ने पर वरीय पुलिस पदाधिकारियों से इस विषय पर बातचीत कर सकेंगे।