जमशेदपुर : टाटा स्टील फाउंडेशन और टाटा मोटर्स ने 27 अगस्त को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जिसका उद्देश्य आईटीआई तमाड़, चांडिल, जगन्नाथपुर और आईटीआई बांसपाल के छात्रों को उन्नत औद्योगिक अनुभव और कौशल विकास के अवसर प्रदान करना है। जिसके तहत टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे वे वास्तविक उद्योग से जुड़े कौशल और ज्ञान प्राप्त कर सकें। इस समझौते पर टाटा मोटर्स के प्लांट हेड रविंद्र नरसिम्हा कुलकर्णी और टाटा स्टील फाउंडेशन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सौरव रॉय ने हस्ताक्षर किए। यह प्रक्रिया भारत सरकार के प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा प्रस्तावित दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली की एक वार्षिक चक्रीय प्रक्रिया है। इसके तहत छात्रों को टाटा मोटर्स के प्लांट में सीधे तौर पर व्यावहारिक अनुभव और प्रशिक्षण मिलेगा। जिससे उनकी शिक्षा को मौजूदा उद्योग मानकों और अभ्यासों के साथ बेहतर ढंग से जोड़ा जा सकेगा। टाटा मोटर्स, प्रशिक्षण अवधि के दौरान छात्रों को वजीफा (स्टाइपेंड), रहने की सुविधा, भोजन, परिवहन और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। यह समर्थन छात्रों को शैक्षणिक शिक्षा से पेशेवर अनुभव में सहजता से बदलाव करने में मदद करेगा। जिससे वे उद्योग में आवश्यक कौशल और ज्ञान को पूरी तरह से प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। यह साझेदारी टीएसएफ इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स और टाटा मोटर्स के बीच संसाधनों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान पर आधारित है। हालांकि इसमें कोई सीधा वित्तीय लेन-देन नहीं होगा। फिर भी दोनों पक्ष इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।इस अवसर पर सौरव रॉय ने कहा कि हम आईटीआई के छात्रों को ऐसी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो मौजूदा उद्योग मानकों और वैश्विक उपभोक्ता मांग के अनुरूप हो और टाटा मोटर्स इस पहल के लिए सबसे उपयुक्त साझेदार है। हम अपने साझेदार और उस समुदाय का धन्यवाद करते हैं, जो हम पर और हमारे प्रयासों पर भरोसा करता है।