जमशेदपुर : राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत नोडल कुष्ठ चिकित्सा पदाधिकारियों एवं कुष्ठ कर्मियों का दो दिवसीय कुष्ठ रोग सम्बंधित प्रशिक्षण जिला परिषद सभागार, पूर्वी सिंहभूम में सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रशिक्षक के रूप में सोमशेखर रेड्डी, राज्य समन्वयक डॉ गौतम कुमार तथा क्षेत्रीय समन्वयक कामदेव बेसरा ने सभी प्रतिभागियों को कुष्ठ रोग के लक्षण, प्रकार, उपचार तथा दिव्यांगता रोकथाम एवं चिकित्सीय पुनर्वास के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी। इस दौरान जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ मृत्युंजय धाउड़िया ने बताया कि कुष्ठ रोग का जल्द पहचान कर इलाज कराने से दिव्यांगता से बचा जा सकता है। कुष्ठ रोग की एमडीटी दवा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है। साथ ही जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ राजीव लोचन महतो ने जानकारी दी कि इस वर्ष 28 अगस्त से 13 सितंबर तक पूरे जिले में कुष्ठ रोगी खोज अभियान (एलसीडीसी) चलाया गया। जिसमें सहिया एवं पुरूष कार्यकर्ता का दल बनाकर घर-घर सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान चलाया गया। इस खोजी अभियान में कुल 185 कुष्ठ रोगियों को चिंहित कर नि:शुल्क एमडीटी दवा भी दिया गया। वहीं डॉ राजीव ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से खोजे गए सभी नये कुष्ठ मरीजों को फूड सप्लीमेंट्स फॉर पेशेंट के तहत प्रत्येक माह 500 रुपए के दर से निबंधन तिथि से भुगतान किया जा रहा है। जिसमें पीबी के मरीजों को कुल 3000 रुपए तथा एमबी के मरीजों को कुल 6000 रुपए उनके बैंक खाता में हस्तांतरण किया जा रहा है। जबकि सोमशेखर रेड्डी ने कुष्ठ मरीजों को होने वाले रिएक्शन को कैसे रिएक्शन मैनेजमेंट करने तथा रिकंस्ट्राटिव सर्जरी के साथ-साथ सेल्फ केयर एवं सेकण्डरी लेवल रिफेरल सेंटर के बारे में विस्तार से बताया। अंत में सभी नोडल चिकित्सा पदाधिकारियों एवं नोडल कुष्ठ कर्मियों को प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट भी दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अभिरंजन दास, दूर्सु पूर्ति, ऋषिकेश गिरी और दुर्योधन बागती का महत्वपूर्ण योगदान रहा।