मासूमों और गर्भवती महिलाओं की जान सकते में, एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने सफाई कराकर झाड़ा पल्ला

 

टीकाकरण विभाग में चार माह से पानी नहीं, गंदे पानी में चलकर जाते हैं विभाग

 

– नवजात शिशु, गर्भवती महिलाएं और नर्स हो सकती है संक्रमित

 

जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम के कोरोना बिल्डिंग के नीचे संचालित टीकाकरण विभाग में बीते चार माह से पानी ही नहीं है। जिसकी कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं कारवाई के नाम पर अस्पताल प्रबंधन ने सिर्फ विभाग के शौचालय को कर्मियों से साफ करवाकर अपना पल्ला झाड़ लिया। बताते चलें कि विभाग और इसके आस-पास की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। इस बिल्डिंग का सीवेज जाम हो गया है। जिसके कारण मल के साथ गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। जिसकी बदबू से नर्स और मरीज काफी परेशान हैं। और तो और गर्भवती महिलाएं अपने नवजात बच्चों को टीका लगाने इसी पर चलकर जाती है। जिससे मां और बच्चे पर संक्रमण का खतरा बना रहता है। सिर्फ यही नहीं, इसी गंदे पानी से होकर मरीजों के खाने की गाड़ी भी जाती है। जिससे उनपर भी खतरा मंडरा रहा है। इस गंदगी के कारण पीडिया विभाग के साथ साथ टीकाकरण विभाग में कार्यरत नर्सों पर भी संकरण का खतरा है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के टीकाकरण विभाग में पानी ही नहीं है। जिससे वहां कार्यरत नर्स समेत अन्य लोगों को परेशानियां भी हो रही है। वहीं जरूरत के लिए नर्स पास स्थित पीडिया विभाग से काम चलाने के लिए पानी भरकर लाती है। इतनी परेशानी के बाद भी प्रबंधन ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया। जबकि विभाग में कार्यरत अधिकारी ने बताया कि पानी के लिए उन्होंने तीन बार पत्राचार भी किया है। और तो और रोजाना मौखिक रूप से इसकी जानकारी भी देते हैं। अब अगर ऐसे में गर्भवती महिलाओं, उनके मासूम नवजात और नर्सों पर कोई आफत आती है तो इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी?

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