जमशेदपुर : विधायक सरयू राय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झूठ, फरेब और अज्ञानी चलता-फिरता नमूना हैं कांग्रेस नेता डॉ अजय कुमार। 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद 10 सालों तक गायब रहने के बाद 2024 में विधानसभा चुनाव लड़ने की लालच में वे जमशेदपुर पूर्वी की जनता के सामने हाथ पसार रहे हैं तो झूठी जुबान खोलने के पहले उन्हें जानकारी कर लेनी चाहिए कि विगत 5 वर्ष में जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र में विकास के कितने कार्य हुए हैं। वे जिस अवधि में सांसद थे। उस समय भी मोहरदा पेयजल परियोजना की समस्या थी। मगर एक बार भी इन्होंने आवाज नहीं उठाई। अब जब विगत 5 वर्षों में मोहरदा पेयजल परियोजना में काफी सुधार हुआ है और इसका फेज-2 शुरू होने जा रहा है तब डॉ अजय कुमार को मोहरदा योजना की याद आ रही है। उनको शायद नहीं पता कि मोहरदा पेयजल परियोजना का परिचालन जुस्को (अब टाटा स्टील यूआईएसएल) कर रही है। जब भी प्रदूषित पेयजल की आपूर्ति होती है तो वे और केवल वे ही इसपर सवाल उठाता है। इसे ठीक कराते हैं। वर्षों जमशेदपुर से बाहर रहने के बाद डॉ अजय कुमार को विधानसभा चुनाव के समय जमशेदपुर पूर्वी याद आ रही है तो वे इस बारे में टाटा स्टील के अधिकारियों से जानकारी ले लें और उनके विरुद्ध आवाज उठाने की हिम्मत करें। मैं तो जमशेदपुर में सीधे चांडिल डैम का पानी पेयजल के लिए आपूर्ति करने की मांग कर रहा हूं। पर डॉ अजय कुमार की झारखंड सरकार इसे नहीं मान रही है। क्या वे मेरे साथ हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत करेंगे? जमशेदपुर वासियों को मालिकाना देने के मामले में मैंने ठोस प्रस्ताव झारखंड सरकार के सामने रखा है। पहले तो सरकार ने विधानसभा में कहा कि इस बारे में पूर्ववर्ती सरकार ने 2018 में 20 डिसमिल तक का लीज देने का निर्णय किया है और जिसे वह भी मानती है। जब मैंने इस निर्णय को रद्द करने की बात कही तो अब झारखंड सरकार कह रही है कि यह निर्णय बदलने का प्रस्ताव सरकार के सामने विचाराधीन नहीं है। वास्तव में शहर वासियों को मालिकाना हक देने का विरोध डॉ अजय कुमार की झारखंड सरकार कर रही है और वह अज्ञानता में सवाल मुझसे कर रहे हैं। फरेब का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? डॉ अजय कुमार को जेम्को से साउथ गेट तक सड़क की बदहाली और यातायात समस्या की बात करते समय यह याद नहीं रहता कि इस इलाके में और जमशेदपुर के अन्य इलाकों में दर्जनों सड़कें मेरे प्रयास से बनी हैं। वैसे भी जेम्को-साउथ गेट सड़क और यहां भारी वाहनों की भीड़ की समस्या का कारण टाटा स्टील और इसकी अनुषंगी औद्योगिक इकाइयां हैं। मैं तो यह बात उठाता रहता हूं पर क्या डॉ अजय कुमार कंपनियों के खिलाफ बोलने की हिम्मत करेंगे? वे तो अपने पूर्ववर्ती मालिकों की कमी का ठीकरा मुझपर फोड़कर जनता को गुमराह कर रहे हैं। इंद्रा नगर-कल्याण नगर बस्तियों के घरों को तोड़ने की सरकार की नोटिस मामले में डॉ अजय कुमार के झूठ और फरेब का पर्दाफाश हो चुका है। बस्ती वासियों की ओर से एनजीटी में बड़े-बड़े वकील खड़ा करने की घोषणा की थी। पर मामले की सुनवाई शुरू हुई तो उनके वकील कहीं दिखे ही नहीं। भांडा फूट गया कि उन्होंने बस्ती वासियों से झूठ बोला था। अजय कुमार जी, वोट के लिए रोजाना झूठ, फरेब और अज्ञान का सहारा लेकर आप कितना नीचे गिरेंगे?