कोयलांचल के प्रसिद्ध मुनिडीह भटिंडा फॉल नए साल में पर्यटकों के लिए सज धज के तैयार 

25 दिसंबर से पूरे जनवरी माह तक उमडती है भारी भीड़

सुनील बर्मन

धनबाद: कोयलांचल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शामिल भटिंडा फॉल में सैलानियों का आना शुरू हो गया है. धनबाद जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर मुनीडीह के भटिंडा फॉल में दिसम्बर माह से ही पर्यटक जुटने लगते हैं. यह सिलसिला पूरे जनवरी माह तक रहता है. अभी रोज करीब 200 के आसपास सैलानी पंहुच रहे हैं. पर्यटकों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन की ओर से यहां एक दर्जन छतरी, सीढ़ी, पार्क, झूला, सामुदायिक भवन, स्नानागार, चेंजिंग रूम, शौचालय, चापाकल आदि की व्यवस्था की है.

कैसे पहुंचे भटिंडा फॉल

मुनीडीह स्थित भटिंडा फॉल आने के लिए धनबाद-बोकारो मुख्य सड़क पर पुटकी थाना के पास से पश्चिमी झरिया क्षेत्र (मुनीडीह कोलियरी गेट ) से अंदर आना है. यहां से मुनीडीह बाजार, शनि मंदिर से बालूडीह चौक होते हुए या पीसीसी रोड के रास्ते सीपीपी प्लांट होते हुए कारीटांड़, टेटंगाबाद के रास्ते भटिंडा फाॅल तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां आने के लिए सैलानी अपने निजी वाहन या भाड़े के रिजर्व वाहन का प्रयोग करते है. खाने-पीने की सामग्री की खरीदारी मुनीडीह बाजार में कर सकते हैं. यहां सभी सामान आपको मिल जाएंगे. अब तो फॉल के पास भी रेस्टोरेंट के अलावा खाने-पीने की अस्थायी दुकानें लगने लगी हैं.

डेंजर जोन में बैरिकेडिंग व पार्किंग की व्यवस्था करती हैं समिति

यहां संचालित बिनोद बिहारी महतो स्मारक समिति के अध्यक्ष संदीप महतो बताते हैं कि समिति की ओर से फॉल का सौंदर्यीकरण, सफाई, रंग रोंगन और डेंजर जोन में रस्सा लगाकर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाती हैं. फॉल के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 100 वोलेंटियर तैनात किए जाते हैं. इसके अलावा करीब 2000 बाइक एवं 500 कार व तीन पहिया वाहन की पार्किंग की व्यवस्था की जाती है. इस वर्ष पार्किंग शुल्क लेने के लिए ऑनलाइन थर्मल प्रिंटर (कैशलेस ) की व्यवस्था की गयी है. इससे न सिर्फ पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी बल्कि गाड़ी नंबर एवं लगाने के वक्त का भी जिक्र रहेगा. पंचायत स्तर से फॉल में तीन नाडेप (कूड़ादान ) का निर्माण कराया जा रहा है.

बिना लाइफ जैकेट के तैनात रहेंगे 10-15 गोताखोर

समिति के अध्यक्ष संदीप महतो बताते है कि कई वर्षों से जिला प्रशासन से मांग के बावजूद अब तक लाइफ जैकेट नहीं मिला है. ऐसे में इस वर्ष भी बिना लाइफ जैकेट के ही 10 से 15 गोताखोर फॉल के आसपास किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैनात रहेंगे. समिति के सचिव जेपी महतो पर्यटकों से पर्यावरण संरक्षण को लेकर थर्माकोल के प्लेट-पत्तल आदि का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है.

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