नौ दिवसीय 21 वां इस्पातांचल स्वदेशी मेला संपन्न 

भारत को आत्मनिर्भर बनाने में स्वदेशी जागरण मंच बेहतर भूमिका निभा रहा है : हर्षनाथ मिश्रा

स्वावलंबी भारत अभियान के माध्यम से 2029 तक भारत पूर्णत: रोजगार युक्त होगा : बरियार

बोकारो : भारत को आत्मनिर्भर बनाने में स्वदेशी जागरण मंच बेहतर भूमिका निभा रहा है। यह मंच के वर्षों के तपस्या का ही फल है कि पूरा देश स्वदेशी मय हो गया है। उपरोक्त कहना है सीसीएल के निदेशक हर्षनाथ मिश्रा का। वे स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित नौ दिवसीय 21 वां इस्पातांचल स्वदेशी मेला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अभ्यागत बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रध्येय दतोपंत ठेंगड़ी जी ने राष्ट्र को आर्थिक रुप से सबल बनाने के लिए जो संकल्पना देखी थी। वह स्वदेशी के माध्यम से आज पूर्ण होते दिख रहा है। इसलिए लोग उन्हें दूरद्रषटा कहते है। वही मंच के राष्ट्रीय मेला प्रमुख सचिन्द्र कुमार बरियार ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच द्वारा चलाए जा रहे स्वावलंबी भारत अभियान के माध्यम से 2029 तक भारत पूर्णत: रोजगार युक्त होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में 35 कड़ोड़ युवा बेरोजगार हैं। जिन्हें रोजगार मुहैया नहीं कराया जा सकता। इसी कारण से कोई भी सरकार संसद में यह नहीं कर सकती कि हम कितने युवाओं को नौकरी दे सकते हैं। श्री बरियार ने कहा कि मेला के माध्यम से स्थानीय छोटे उधमीयों लिए मंच प्रचार प्रसार का काम करते हैं। क्योंकि व्यवसायिकरण के इस युग में प्रचार प्रसार बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि अगर बोकारो आत्मनिर्भर होगा तो राज्य आत्मनिर्भर होगा तो देश स्वावलम्बन कि दिशा में अग्रसर होगा। इसके पूर्व अतिथियों ने सर्वप्रथम भारत माता की तस्वीर पर पुष्पार्जन और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके उपरांत मौका भगत को मंच की पूनम सिन्हा ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। वही मुख्य अभ्यागत हर्षनाथ मिश्रा की पत्नी सह विश्व प्रसिद्ध चित्रकार इन्दु मिश्रा को मंच कि मंजू सिन्हा ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। ज्ञात हो कि इंदु मिश्रा मिथिला पेंटिंग की विश्व प्रसिद्ध चित्रकार है । इनकी बनाई मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी देश विदेश में राज्य का नाम रौशन कर चुकी है। कार्यक्रम में माचिस संचालन शशांक शेखर ने किया। मेला संयोजक संजय वैद्य , अमरेंद्र कुमार सिंह ,अजय चौधरी दीपक, कुमार संजय, प्रमोद कुमार सिन्हा, जयशंकर प्रसाद आदि ने स्वावलंबी भारत पर अपने अपने विचार प्रकट किए। पूरे मेरे को सफल बनाने में विवेकानंद झा, मनीष श्रीवास्तव, विनोद चौधरी, ददन कुमार, उत्तम कुमार झा, उपेंद्र नारायण सिंह, सुरेश कुमार सिंहा सहित मंच के विभिन्न कार्यकर्ताओं ने हम भूमिका निभाई.

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